अगर आपको मोबाइल फोन के 10 डिजिट के नंबर आसानी से याद नहीं होते तो आपकी मुश्किलें और बढ़ सकती है. जल्द ही मोबाइल फोन के नंबर 11 डिजिट के होने वाले हैं. टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने इसकी मंजूरी दे दी है. कंपनियों से बात करके इसे जल्द लागू कराया जा सकता है. हालांकि यह व्यवस्था नए नंबरों के लिए ही होगी. मौजूदा नंबर 10 डिजिट के ही रहेंगे.

कम पड़ रहे हैं नंबर

नए मोबाइल नंबरों की कमी दूर करने को 11 डिजिट के नंबर लाए जा रहे हैं. डिपार्टमेंट मोबाइल ऑपरेटरों को हर साल 10 डिजिट के नंबर की सीरीज देता है. यह व्यवस्था 2003 से लागू है. तब 10 डिजिट के नंबर की अधिकतम क्षमता 50 करोड़ आंकी गई थी. अनुमान था कि 2030 तक यह सीरीज चलेगी, पर 2010 में ही आंकड़ा बढ़ गया.

इस समय में देश में 1 अरब 34 लाख मोबाइल कंज्यूमर हैं. डिजिट बढ़ाने का प्रस्ताव 2010 में ही आया था, पर यूजर्स की ग्रोथ थमने से इसे लागू नहीं किया गया सका. सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में कंस्यूमर्स की ग्रोथ में ठहराव आया था, लेकिन एक कंपनी द्वारा भारी छूट की स्कीम लाने से नए ग्राहकों की संख्या तेजी से बढ़ी है.

कंपनियां तलाशेंगी ऑप्शन 

मोबाइल ऑपरेटर कंपनियां डिजिट बढ़ाने से पहले दूसरे ऑप्शन पर गौर करना चाहती हैं. वह नंबरों का डुप्लीकेशन रोकने, मनमाने तरीके से सिम लेने पर सख्ती, निष्क्रिय नंबर सरेंडर कराने, मोबाइल पोर्टेबिलिटी नियम को सख्त बनाने जैसे विकल्पों पर भी विचार करने के पक्ष में हैं. सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेजिडेंट राजन मैथ्यूज ने कहा कि हम डिजिट बढ़ाने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इससे पहले डिपार्टमेंट को हर विकल्प पर गौर करना चाहिए.

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