आज हम कोई भी हिंदी अखबार उठा कर देखते हैं तो सभी में खबर लिखने के तरीके और भाषा का इस्तेमाल करते हुए कई पत्रकार यहां तक कि टीवी चैनल्स पर भी ऐसी गलतियां देखने को मिलती हैं. खबरों के प्रस्तुतिकरण को ले कर अखबारों व टैलीविजन चैनल्स में बाकायदा नियम हैं, लेकिन फिर भी गड़बडि़यां लगातार होती रहती हैं. छोटाबड़ा हर पत्रकार इस तरह की गलतियां या चूक कर ही देता है. इन गलतियों से खबर तो हास्यास्पद हो जाती है और कई बार तो वह अपना अर्थ भी खो देती है.
यहां ऐसी ही कुछ गलतियों के बारे में बताया जा रहा है. जो पत्रकारों से अकसर अनजाने में हो रही हैं जो युवा पत्रकारिता में प्रवेश करने जा रहे हैं या करने की इच्छा रखते हैं, उन्हें भी इन छोटीछोटी गलतियों के प्रति सतर्क रहना चाहिए ताकि न सिर्फ खबर सही रूप में लोगों के सामने जाए, बल्कि उन की पत्रकारिता में भी एक नई धार पैदा हो सके.
‘बताया’ और ‘कहा’ में अंतर समझें
इस वाक्य पर गौर कीजिए, ‘याकूब कुरैशी ने अखबार से बातचीत में बताया कि अमेरिका मुसलमानों का दुश्मन है.’
अकसर पत्रकार खबर लिखते या टैलीविजन पर पढ़ते समय ‘बताया’ और ‘कहा’ में भेद करना भूल जाते हैं. ‘बताया’ शब्द का इस्तेमाल तब होता है जब वक्ता कोई जानकारी देता है. जैसे कांग्रेस के प्रवक्ता ने बताया कि उन की पार्टी के संगठनात्मक चुनाव दिसंबर में होंगे.
अमूमन पहले से प्रचारित या अस्तित्व में आ गई बात के लिए ‘बताया’ शब्द नहीं आएगा. अमेरिका मुसलमानों का दुश्मन है, यह किसी की निजी राय है. यह कोई जानकारी नहीं है. इसलिए यहां ‘बताया’ के स्थान पर ‘कहा’ शब्द का प्रयोग होना चाहिए.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन