सवाल
मैं 57 वर्षीय पुरुष हूं. मुझे हायटस हर्निया है. बैठे बैठे और चलने पर मुझे सीने में दर्द उठता है. यह हायटस हर्निया क्यों होता है? इस का इलाज क्या है? कृपया मुझे बताइए.
जवाब
हमारे शरीर के अंदर सीने और पेट के बीच गुंबद की शक्ल की पेशी पाई जाती है, जिस का काम सांस लेने और छोड़ने में फेफड़ों की मदद करना है और सीने तथा पेट के अंगों को एकदूसरे से अलग रखते हुए शरीर के दोनों क्षेत्रों को हिस्सों में विभाजित करना है.
यह पेशी डायफ्राम या मध्यच्छद के नाम से जानी जाती है. इस पेशी में कुछ सामान्य छेद होते हैं, जिन से छाती के कुछ अंग नीचे पेट में उतर आगे बढ़ जाते हैं. जैसे छाती में मुंह से शुरू हुई खाने की नली पेट में उतर आमाशय में खुल जाती है. दिल से प्रकट हुई महाधमनी पेट में पहुंच अनेक उदरीय धमनियों को जन्म देती है और पेट के निचले भाग में पहुंच 2 श्रोणिफलक धमनियों में बंट श्रोणि के तमाम अंगों और बाद में जांघिक धमनी बन दोनों टांगों को रक्त पहुंचाती है.
कुछ लोगों में डायफ्राम में बना वह छेद, जिस से खाने की नली नीचे पेट में उतरती है, अधिक खुल जाता है और जरूरत से ज्यादा चौड़ा हो जाता है. नतीजतन आमाशय पेट से फुदक कर सीने में आ बैठता है. चूंकि सीने में इतनी जगह नहीं होती कि वह आमाशय को अपने अंदर बैठा सके, इसलिए आमाशय के ऊपर आने से सीने में दबाव महसूस होने लगता है. साथ ही, सीने में जलन महसूस हो सकती है, डकारें आ सकती हैं, पेट भराभरा रह सकता है. इस से भूख मर जाती है.
यह विकार ही हायटस हर्निया कहलाता है. अधिकांश मामलों में कुछ छोटीछोटी सावधानियां बरत कर और कुछ दवाएं ले कर हायटस हर्निया पर नियंत्रण पाया जा सकता है. भरपेट भोजन के बजाय थोड़ाथोड़ा खाने, भोजन करने के बाद लेटने से परहेज बरतने, मिर्चमसाले व तले भोजन और चायकौफी से परहेज रखने तथा डाक्टरी सलाह से ऐसिडरोधक दवाएं लेने से प्राय: यह नियंत्रण में आ जाता है. जिन कुछ लोगों को इन उपायों से आराम नहीं आता उन का औपरेशन करना पड़ सकता है.
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