संतान को जन्म देने के साथ ही मांबाप की जिम्मेदारियां और दायित्व बढ़ जाते हैं. बच्चे की सही परवरिश व सुरक्षा की जिम्मेदारी मातापिता की होती है. ऐसे में बच्चे की परवरिश व देखभाल में हुई जरा सी चूक बच्चे को मौत के मुंह में धकेल सकती है.

आएदिन अबोध बच्चों के बोरवैल में गिरने की घटनाएं, बंद गाड़ी में बच्चों को अकेले छोड़ कर जाने की लापरवाही से बच्चों के दम घुटने के कारण होती मौतें हैरान करती हैं कि मांबाप, जो बच्चों को इस दुनिया में लाने के लिए लाखों जतन करते हैं, वे अपने उन्हीं जिगर के टुकड़ों के प्रति इतने लापरवाह कैसे हो सकते हैं.

15 मार्च, 2016 को महाराष्ट्र के भिवंडी में मातापिता की लापरवाही के कारण 4 वर्षीय बच्चे की पानी की टंकी में गिर कर डूबने से मौत हो गई. अंधविश्वासी अंधविश्वासी मातापिता पूजा में इतने व्यस्त थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि बच्चा सचिन नीचे दूसरी मंजिल से खेलतेखेलते सीढ़ी से नीचे उतर गया और सीढ़ी के नीचे बनी पानी की टंकी में जा गिरा.

6 मई, 2016 को मुजफ्फरनगर के हैवतपुर गांव में परिजनों ने बच्चे को पानी से भरी बालटी के पास खेलने के लिए छोड़ दिया था. काफी देर बाद जब परिजनों को ध्यान आया तो देखा कि बच्चा बालटी में उलटा पड़ा है.

12 जून, 2016 को भोपाल के मोतिया तालाब में डूबने से 2 बच्चों की मौत हो गई. ऐसे कई उदाहरण मिल जाएंगे, जिन में मातापिता की लापरवाही के कारण मासूमों की जान चली जाती है.

प्रोफैसर अरुण कुमार प्रसाद कहते हैं कि बच्चे चंचल होते हैं और चंचलता में कभीकभी वे ऐसी हरकतें कर जाते हैं जो उन की ही जान के लिए खतरनाक होती हैं. बच्चों के अभिभावकों को इस के लिए सचेत होने की जरूरत है. जब मातापिता या अभिभावक आसपास नहीं होते हैं तो बच्चों का खिलंदड़पन और उन की शैतानी ज्यादा बढ़ जाती है. वे अपने मन के मालिक बन जाते हैं और कुछ भी कर गुजरते हैं. कम उम्र होने की वजह से उन्हें इस बात का जरा भी भान नहीं होता है कि उन की कोई बदमाशी उन की जान भी ले सकती है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...