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कहानी
यह क्या हो गया
नीता के बंटवारे की जिद और लालच ने कैसे कर दिया उसे परिवार से दूर?
Digital Team
,
Apr 16, 2020
भाग - 1
दोनों ने ‘हां’ में बस गरदन हिला दी. लतिका वहीं खड़ी सब को घूर रही थी. शेखर को देख उस ने त्योरियां चढ़ा लीं, पानीचाय कुछ नहीं पूछा.
भाग - 2
कार में मुश्किल से ही बैठ पाए शेखर. एक अच्छे हौस्पिटल के मशहूर और्थोपेडिक डा. राघव ने सारी जांचपड़ताल की, बैडरैस्ट बताया और कुछ दवाएं लिख दीं.
भाग - 3
‘वन्या, तुम छोटी हो, मुझे उपदेश देने की जरूरत नहीं है,’’ कह कर लतिका ने फोन रख दिया. 10-15 दिन बाद भी शेखर के दर्द में कमी नहीं आईर्. प्रणव फिर उन्हें डाक्टर के पास ले कर गए.
भाग - 4
अब आ ही गई हैं तो इस बात का ध्यान रखना मां, पापा को आप की किसी बात से तकलीफ न हो. हम तीनों बहुत दिनों बाद अब संभले हैं.
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