दीपक और स्वाति एकदूसरे से बेइंतहा मोहब्बत करते थे. दिल पर पत्थर रख कर स्वाति ने उसे विदेश जाने दिया था. पर वक्त ने ऐसा खेल खेला कि वैलेंटाइन डे यानी मोहब्बत के दिन ही वह अपने प्यार को विसर्जित कर देना चाह रही थी.