ई-मैगज़ीन
ऑडियो स्टोरी
लॉग इन
Subscribe
कहानी
राजनीति
समाज
संपादकीय
लाइफ स्टाइल
बौलीवुड
हेल्थ टिप्स
क्राइम
आपकी समस्याएं
फार्मिंग
Subscribe
लॉग इन
कहानी
बौलीवुड
क्राइम
समाज
आपकी समस्याएं
हेल्थ टिप्स
लाइफ स्टाइल
ऑडियो स्टोरी
राजनीति
फार्मिंग
ई-मैगज़ीन
संपादकीय
मां
गुड्डी अपने सुख की खातिर अपनी ममता का गला घोंट देती है और मासूम बच्चों को छोड़ देती है एक आश्रम में. आश्रम की संचालिका सुमनलता कठोरहृदय गुड्डी को ऐसा सबक सिखाती हैं कि उस की सोई हुई ममता जाग उठती है.
भाग - 1
‘‘हैलो,’’ स्वर को थोड़ा धीमा रखते हुए सुमनलता बोलीं, ‘‘पिंकू बेटे, मैं अभी यहां व्यस्त हूं. तुम्हारे सारे दोस्त तो आ गए होंगे. तुम केक काट लो. कल का पूरा दिन तुम्हारे नाम है..
भाग - 2
‘‘अरे, वाह...एक मां से आप यह कैसे कह सकती हैं कि वह बच्चों से नहीं मिले. मेरा हक है यह तो, बुलवाइए बच्चों को,’’ गुड्डी अकड़ कर बोली.
×
सबस्क्राइब करें
डिजिटल
+ प्रिंट
एडिशन
अपना फ़ोन नम्बर/ईमेल आईडी या दोनों भरें.
Already Registered?
LOGIN HERE.
×
लॉग इन करें
डिजिटल एडिशन
Resend OTP
Don't have an account?
GET REGISTER.
'सरिता' पर आप पढ़ सकते हैं 10 आर्टिकल बिलकुल फ्री ,
अनलिमिटेड पढ़ने के लिए
Subscribe Now
होम
रोमांस
फैमिली ड्रामा
क्राइम
ऑडियो स्टोरी