पति की मौत के बाद कावेरी टूट चुकी थी. एकमात्र सहारा था तो केवल बिल्लू. अपने दुख को भुला कर कावेरी ने बिल्लू के साथ जीना चाहा पर उस का व्यवहार और बेरुखी कावेरी को भीतर ही भीतर तोड़ती जा रही थी.