बच्चों को जिस काम के लिए मना किया जाता है, वे उसी काम को करते हैं. कभीकभी तो ये नटखट शरारती बच्चे हिम्मत और सूझबूझ से कुछ ऐसा कर जाते हैं कि समाज में ही नहीं, दुनिया और देश में मांबाप की एक अलग पहचान बन जाती है. तब मांबाप को अपने बच्चे पर गर्व महसूस होता है.

पश्चिम बंगाल की 2 लड़कियों तेजस्विनी प्रधान और शिवानी गोंड ने भी हिम्मत और सूझबूझ से ऐसा कुछ कर दिखाया कि पश्चिम बंगाल में ही नहीं, पूरे देश में उन की चर्चा हो रही है. दरअसल, नेपाल के एक दंपति की एक जवान बेटी गायब हो गई थी. उन्होंने मार्ग नाम की स्वयंसेवी संस्था से बेटी को तलाशने में मदद मांगी.

संस्था के पदाधिकारियों ने अपने स्तर से पता लगा लिया कि गुम लड़की दिल्ली में है. इस के बाद संस्था ने इस की सूचना दिल्ली सीबीआई और स्टूडेंट्स अगेंस्ट ट्रैफिकिंग की 2 स्कूली सदस्यों तेजस्विनी प्रधान और शिवानी गोंड को दी. दोनों छात्राओं को पता चल चुका था कि उस लड़की को दिल्ली में देहव्यापार में धकेल दिया गया है और देह व्यापार चलाने वालों की जड़ें बड़ी गहरी हैं.

पश्चिम बंगाल की रहने वाली तेजस्विनी प्रधान और शिवानी गोंड ने समझदारी दिखाते हुए उस लड़की से फेसबुक द्वारा दोस्ती कर बात करनी शुरू कर दी. उन्होंने खुद को बेरोजगार बताया था. उस लापता लड़की ने एसएटीसी की दोनों सदस्यों को देहव्यापार का लालच दिया. दोनों लड़कियों को पूरे गैंग तक पहुंचना था, इसलिए उन्होंने उस के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.

इस बारे में पुलिस को सूचित कर दिया गया. इस के बाद पुलिस ने एसएटीसी सदस्यों की मदद से न सिर्फ उस लापता लड़की को मुक्त कराया, बल्कि देहव्यापार करने वाली एक महिला को भी गिरफ्तार कर लिया. तेजस्विनी प्रधान और शिवानी गोंड ने असीम साहस और निर्भीकता से पुलिस और एनजीओ की मदद से एक अंतरराष्ट्रीय सैक्स रैकेट का परदाफाश किया, बाद में पुलिस ने दिल्ली से मुख्य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया था.

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