नारी सौंदर्य में आकर्षक नाभि अपनी खास अहमियत रखती है. आकर्षक और संतुलित नाभि युवतियों को जहां सैक्सी लुक प्रदान करती है वहीं पार्टीफंक्शन में आकर्षण का केंद्र भी बनती है. आज नाभि दिखाने का फैशन चलन में है.
सविता को पेट के ऊपर साड़ी बांधने पर कसाव महसूस होता है और इस से उसे असुविधा भी होती है, इसलिए वह साड़ी नाभि के नीचे बांधती है, लेकिन उथली नाभि और अंदर की दिखती धारियों की बात से अनजान सविता को उस की सौंदर्य विशेषज्ञ सहेली सुषमा ने जब एहसास कराया तो वह बहुत परेशान हो गई. सुषमा ने इस का उपाय सुझाते हुए कहा कि कुछ युवतियों की नाभि ऊपर की तरफ निकली होती है तो कुछ की नाभि संकरी, छोटी एवं कम गहरी होती है, जो उन के सौंदर्य को कम कर देती है. आजकल ‘नी शेप’ नामक तकनीक के जरिए नी शेप क्लिनिक एवं पार्लर्स में युवतियों की नाभि को आकर्षक आकार दिया जाता है.
तब सविता ने अपनी सहेली सुषमा से विस्तार से इस के बारे में बताने को कहा. जिस पर सुषमा ने बताया कि बदलते परिवेश एवं फैशन की दौड़ में बौडी आर्ट (टैटू), पियर्सिंग (शरीर के अंगों में छेद कर उस में आधुनिक बोल्ड ज्वैलरी पहनाना) के साथसाथ नी शेप का नाम भी जुड़ गया है, जिस के तहत नाभि को आकर्षक बनाया जाता है. नाभि को आकर्षक, गहरी एवं सुंदर बनाने के लिए आजकल ‘नेवल स्प्रिंग’ तकनीक अपनाई जाती है. इस के अंतर्गत नाभि का नाप ले कर जंगरोधी धातु की नाभि के आकार की एक स्प्रिंग तैयार की जाती है. इस स्प्रिंग की खासीयत है कि यह नाभि के अंदर गहराई में जा कर फैलती है और नाभि के अंदर की त्वचा को दबाती है. फिर इसे नाभि के अंदर डाल कर छोड़ दिया जाता है. जब इस नेवल स्प्रिंग को दबा कर किसी जंगनिरोधी चिमटी के सहारे नाभि की गहराई या सतह पर डाल कर छोड़ा जाता है तब दबाव कम होते ही यह स्प्रिंग अपने बड़े आकार में आ जाती है, इस से नाभि का आकार चौड़ा, गोल एवं आकर्षक हो जाता है. यह स्प्रिंग नाभि में दिखाई नहीं देती है.
इस नेवल स्प्रिंग की एक विशेषता यह भी है कि लगातार नाभि के अंदर रहने से इस के स्प्रिंग के तार त्वचा को दबाते हैं और उस स्थान के सैल्स स्प्रिंग तार के साइज के दबाव के कारण अंदर की तरफ दबतेदबते स्थायी हो जाते हैं और जब नाभि स्थायी रूप से आकर्षक रूप ले लेती है तब स्प्रिंग अपनेआप बाहर निकल जाती है. इस के बाद भी यदि नाभि में पर्याप्त आकर्षण नहीं आता है तो उसी जगह थोड़ी बड़ी स्प्रिंग बना कर डाल देते हैं. इस तरह से नाभि कुछ ही दिन में आकर्षक, गोल एवं गहरी हो जाती है. ब्यूटी क्लिनिक एवं नी शेप क्लिनिक में नाभि में इस नेवल स्प्रिंग को डालने पर सामान्यत: 500 रुपए या उस से अधिक का खर्च आता है.
नेवल स्प्रिं डालते समय विशेषज्ञों को हाथों में ग्लव्स पहनने चाहिए तथा उन के पास विभिन्न आकार की नेवल स्प्रिंग, स्प्रिंग को नाभि में डालने के लिए विभिन्न प्रकार की चिमटियां एवं फौरसेप होने चाहिए. नेवल स्प्रिंग लगाने से पूर्व नाभि को ऐंटीसैप्टिक लोशन से अच्छी तरह साफ करना चाहिए. नेवल स्प्रिंग जंगरोधी होनी चाहिए, स्प्रिंग के दोनों छोर अंदर की तरफ मुड़े हुए होने चाहिए जिस से कि वे नाभि में अंदर जाने के बाद उसे नुकसान न पहुंचाएं. अगर नेवल स्प्रिंग लगाने के बाद किसी तरह की परेशानी या असुविधा हो तो उसे निकलवा देने में ही समझदारी है.
नी शेप क्लिनिक अभी महानगरों एवं बड़े शहरों तक ही सीमित है, लेकिन धीरेधीरे इन की लोकप्रियता अन्य जगहों पर भी बढ़ेगी. इसी के साथ एक विधि ‘कपिंग’ है. इस में किसी खोखली वस्तु (धातु के कप) को मसल्स पर रख कर उस की हवा निकाली जाती है. हवा निकलने से उस जगह पर वैक्यूम पैदा हो जाता है, जिस से वह उस जगह पर चिपक जाता है, इस से वहां खिंचाव शुरू हो जाता है और नए सैल्स बनने से वह जगह फैलनी शुरू हो जाती है. नाभि के पर्याप्त आकार लेते ही कप निकल जाता है. इस विधि में नाभि को जो आकार देना है उस आकार के कप का उपयोग किया जाता है.
इस तरह नाभि को आकर्षक रूप प्रदान किया जाता है
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