सोते वक्त मुंह से लार का निकलना बेहद आम बात है. पर कई बार इससे आपको काफी शर्मिदगी झेलनी पड़ती है. इसके अलावा ये किसी गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकता है. मेडिकल टर्म में इस समस्या को सिआलोरेहिआ कहते हैं. आम तौर पर ये परेशानी शिशुओं में देखी जाती है. जब उनके दांत निकल रहे होते हैं तो सेते वक्त उनके मुंह से लार निकलता है. आइए जानते है कि वयस्कों में ये समस्या क्यों होती हैं.
लार का बहना
जब आप जाग रहे होते हैं तब लार नहीं बहता. जबकि जागते हुए अधिक लार का निर्माण होता है , पर आप इसे निगल लेते हैं. पर सोते वक्त इसकी ग्रंथियों से इसका बहाव होता है. कारण है कि सोते वक्त आपके चेहरे की नसें काफी रिलैक्स्ड होती हैं. सोते वक्त आप ज्यादातर मुंह से औक्सीजन लेते हैं, इस वजह से लार के ग्लैंड्स लार तैयार करते हैं तो वो बहने लग जाती है क्योंकि आप उसे निगलते नहीं हैं.
इसके अलावा मुंह से लार निकलने के कई अन्य कारण ये हैं.
साइनस इंफेक्शन
सांस की उपरी नली के संक्रमण आमतौर पर सांस लेने और निगलने की समस्याओं से जुड़े होते हैं. इन समस्याओं में लार जमा हो जाने से मुंह से बहने लगती है.
टोंसिलाइटिस
गले के पीछे मौजूद टोंसिल्स ग्रंथी होती हैं. इनमें सूजन आ जाने से टोंसिलाइटिस हो सकता है. सूजन की वजह से गले का रास्ता छोटा हो जाता है जिससे लार गले से उतर नहीं पाती और मुंह से बहने लग जाती है.
एलर्जी
एलर्जी के कारण भी मुंह से लार निकलने की शिकायत होती है. ये एलर्जी अक्सर नाक या कुछ खाने पीने संबंधी होती हैं.
एसिडिटी
जानकारों का मानना है कि एसिड रिफ्लक्स एपीसोड्स के कारण गेस्ट्रिक एसिड होता है. इससे एसोफागोसलाइवरी उत्तेजित होता है और बहुत अधिक लार बनने लगती है.
सोने की पोजिशन की वजह से भी
सोते वक्त आमतौर पर तभी बहती है जब आप करवट लेकर सोते हैं. पीठ के बल सोने पर बहुत कम लार बहती होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप पीठ के बल सोते हैं तो लार आपके गले के रास्ते शरीर में अपने आप चली जाती है.