आज कड़ी प्रतियोगिता का दौर है. ऐसे में उस का असर हर क्षेत्र पर पड़ना लाजिमी है, फिर चाहे वह मनोरंजन हो या जौब. नतीजा, कल तक जो नौकरी सुबह के 9 से शाम 5 बजे की होती थी आज देर रात से शुरू हो कर सुबह तक चलती है, खासकर कौरपोरेट, एमएनसी, आईटी व बीपोओ सैक्टर में. ऐसे में स्वास्थ्य के साथसाथ और भी कई तरह की समस्याएं सामने आती हैं. ये समस्याएं न सिर्फ युवतियों के लिए बल्कि युवकों के लिए भी परेशानी का सबब बनती हैं. हां, यह बात अलग है कि युवकों की अपेक्षा युवतियों के लिए सुरक्षा का सवाल कहीं ज्यादा होता है.
कई साल पहले बेंगलुरु में एक बीपीओ में काम करने वाली युवती की इज्जत को कैब ड्राइवर ने तारतार कर दिया. बेंगलुरु ही क्यों, राजधानी दिल्ली में भी कई ऐसी वारदातों को कैब ड्राइवर अंजाम दे चुके हैं. अत: नाइट शिफ्ट में सब से जरूरी है सुरक्षा का खास ध्यान रखना. ऐसे में आप को निम्न पहलुओं को ध्यान में रखना होगा :
- जहां तक हो सके एकल वातावरण में काम न करें. एकल वातावरण से मतलब ऐसे औफिस में जहां युवतियों की संख्या युवकों के मुकाबले कम हो या फिर न के बराबर हो. नाइट शिफ्ट में काम करते समय हमेशा गरिमापूर्ण कपड़े पहनें.
- नाइट शिफ्ट में किस मानसिकता के सहयोगी आप के साथ काम करते हैं, उन का रवैया कैसा है, यह समझना भी जरूरी है. अगर आप को उन के व्यवहार पर शक है तो इस की वजह से मन ही मन घुटने के बजाय अपने सहयोगी को बताएं.
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