पेशे से पेंटर 36 साला दीपक रजक की कमाई ठीकठाक थी और उसे उम्मीद थी कि एक दिन दुनिया उस के हुनर का लोहा मानेगी. इस बाबत वह खूब मन लगा कर काम भी करता था और भागदौड़ भी करता रहता था.
इसी सिलसिले में दीपक रजक कुछ दिन पहले अपने शहर शिवपुरी से भोपाल आया था. उस की मंशा भोपाल के मशहूर भारत भवन में काम पाने की थी.
भोपाल आने का दीपक का असल मकसद उजागर हुआ 1 अप्रैल, 2017 को, जब वह अपनी 28 साला बीवी पूनम की हत्या के जुर्म में पकड़ा गया.
पुलिस हिरासत में अपनी दास्तां सुनाते हुए दीपक रजक ने बताया कि उस की शादी ग्वालियर की रहने वाली पूनम से तकरीबन 2 साल पहले हुई थी. शादी के बाद शुरुआती दिन तो अच्छे गुजरे, पर बाद में उसे पता चला कि पूनम के शिवपुरी के ही एक बाशिंदे गुल्ली साहनी से नाजायज ताल्लुकात हो गए हैं, तो वह परेशान हो उठा. गुल्ली साहनी केबल औपरेटर है.
दीपक ने अपने लैवल पर तसल्ली कर ली कि वह झूठा शक नहीं कर रहा. वाकई पूनम और गुल्ली के जिस्मानी ताल्लुकात बन चुके हैं और आएदिन बनते रहते हैं.
इस बात की चर्चा दबी जबान से शिवपुरी में होने भी लगी, तो दीपक को लगने लगा कि हर कोई उस पर हंस रहा है. उस का और उस की मर्दानगी का मजाक उड़ाया जा रहा है. पर समझ और अक्ल से काम लेते हुए उस ने बीवी को समझाया कि किसी गैरमर्द से इस तरह से ताल्लुकात बनाना अच्छी बात नहीं है.
मगर जाने ऐसा क्या था उस गुल्ली साहनी में कि पूनम लाख समझाने पर भी नहीं मानी, तो दीपक को अपनी जिंदगी बेमानी लगने लगी और उस ने पूनम को खुद सजा देने का फैसला ले लिया.
यों किया कत्ल
मार्च महीने के तीसरे हफ्ते में दीपक ने पूनम से भोपाल चलने को कहा. इस पर उस ने सवालजवाब किए, तो दीपक ने भोपाल में अच्छी नौकरी मिलने का बहाना बनाया. पूनम अपने शौहर के दिलोदिमाग में पनप रहे खतरनाक इरादे को भांप नहीं पाई और घूमने के लालच में उस के साथ भोपाल चली आई.
भोपाल में उन दोनों को खानेपीने और ठहरने की कोई दिक्कत नहीं थी, क्योंकि दीपक का भाई संदीप सुभाष नगर इलाके में ‘कैपिटल पैट्रोल पंप’ के पास रहता था.
4-6 दिन तक तो दीपक यों ही दिखावे के लिए भोपाल में यहांवहां घूमता रहा, पर असल में वह इमारतों से घिर गए इस शहर में कत्ल के लिए सुनसान जगह ढूंढ़ रहा था, जो उसे आखिरकार मिली शाहजहांनाबाद इलाके में बड़ी एक पुरानी बिल्डिंग में, जिसे ‘भूत बंगला’ के नाम से जाना जाता है.
1 अप्रैल, 2017 को घुमाने के बहाने दीपक पूनम को यहां पर ले आया. ‘भूत बंगला’ के बारे में मशहूर है कि इस में भूत रहते हैं, इसलिए वह खाली पड़ा रहता है. इस के नजदीक ही वीआईपी गैस्ट हाउस बना है.
जब वे दोनों ‘भूत बंगला’ में दाखिल हुए, तो दीपक ने पूनम को समझाने की एक आखिरी कोशिश की, पर वह नहीं मानी और हमेशा की तरह पलट कर जवाब देने लगी. इस पर दीपक ने अपनी जेब में रखा रेडियम कटर निकाला और बेवफा बीवी का गला बेरहमी से रेत दिया.
छटपटाती पूनम जमीन पर गिरी, तो गुस्साए दीपक ने उस के चेहरे पर बड़ा सा पत्थर भी दे मारा.
दीपक ने इतमीनान से वहीं खून से लथपथ हो गए अपने कपड़े बदले और सीधा जा पहुंचा नजदीकी कोहेफिजां थाने और मौजूद पुलिस वालों से कहा, ‘मुझे गिरफ्तार कर लो. मैं ने अपनी बीवी का कत्ल कर दिया है.’ हैरान पुलिस वालों ने उसे पकड़ा और कुछ ही देर में पूनम की लाश और कपड़े भी बरामद कर लिए.
क्या करे शौहर
दीपक की दिमागी हालत सहज ही समझी जा सकती है कि वह पूनम और गुल्ली साहनी के नाजायज ताल्लुकात को ले कर किस हद तक परेशान और तिलमिलाता रहता रहा होगा, पर बेवफा बीवी का कत्ल कर उसे सिवा निजी तौर पर सुकून के कुछ और हासिल नहीं हुआ है. अब वह जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा जेल में ही गुजार देगा, जहां पेंटिंग के एवज में उसे न नाम मिलेगा और न ही अच्छे दाम.
इस में कोई शक नहीं कि जब बीवी के किसी और से नाजायज संबंधों की चर्चा खुलेआम गांव या शहर में होने लगती है, तो शौहर का चैन छिन जाता है. बीवी बजाय सीधे रास्ते पर आने के मुंहजोरी करने लगे, तो खुद पर काबू रख पाना चुनौती वाला काम है. ऐसे में शौहरों को बजाय गुनाह करने के अक्लमंदी से काम लेते हुए इन बातों पर अमल करना चाहिए:
* अगर समझानेबुझाने से बात नहीं बनती है, तो इस से कोई खास फायदा नहीं होगा, उलटे और ज्यादा कलह शुरू हो जाती है.
* ऐसी बीवी को छोड़ देने में हर्ज नहीं, पर छोड़ने से पहले उस की पुख्ता वजह होनी चाहिए. सुबूतों को उजागर करने में भी हिचकिचाना नहीं चाहिए.
* समाज में इज्जत जाने और लोग क्या कहेंगे जैसी किताबी बातों के पचड़े में नहीं पड़ना चाहिए. ये बातें जुर्म के लिए उकसाती ही हैं.
* बच्चे अगर हों, तो उन के सामने कलह और मारपीट नहीं करनी चाहिए. वैसे भी ये बातें इस परेशानी का हल नहीं हैं.
* बीवी को मायके या उस के ही किसी नजदीकी रिश्तेदार के यहां छोड़ने की कोशिश करनी चाहिए.
* तलाक एक बेहतर रास्ता है, जिस से बेवफा बीवी से छुटकारा पाया जा सकता है. पर इस के लिए उस की बदनामी के खिलाफ सारे सुबूत इकट्ठा कर लेने चाहिए और अदालत की लंबी कार्यवाही के लिए खुद को दिमागी तौर पर तैयार कर लेना चाहिए.
* समाज में बात उजागर कर देने का एक फायदा यह भी है कि बीवी का आशिक अगर घरगृहस्थी वाला होगा, तो इस से घबराएगा और आवारा टाइप का होगा, तो भी हिचकने लगेगा. ऐसे लोगों को कोई अपने साथ उठाताबिठाता नहीं, पर वह अगर अपराधी किस्म का हो, तो चुप रहने में ही भलाई है.
* अगर कुछ दिनों बाद बीवी खुद ही संबंध तोड़ने के लिए राजी हो जाए, तो उसे माफ करते हुए सुधरने का एक मौका और देना चाहिए और आगे के लिए नौकरी या रोजगार दूसरे शहर में ढूंढ़ने की कोशिश करनी चाहिए. कई बार उस का आशिक उस पर कुछ इस तरह हावी पड़ता है कि वह दोबारा उसी रास्ते पर चलने के लिए मजबूर हो जाती है.
* खुद में जिस्मानी कमजोरी हो, तो उसे बजाय छिपाने के इलाज कराना चाहिए.
* पत्नी के मामले में कोई कदम उठाने से पहले यह भी देख लेना चाहिए कि वह घरेलू कलह, पैसे की कमी या किसी दूसरी वजह से तंग तो नहीं है. आमतौर पर शौहर से या घर में किसी चीज या जरूरत की कमी भी उसे बाहर संबंध बनाने के लिए उकसाती है.
बीवियों को भी दीपक और पूनम का मामला सबक देने वाला है कि लाजशर्म छोड़ कर वे किसी दूसरे से ताल्लुकात बनाने का जोखिम उठा तो लेती हैं, पर शौहर तब अपनी पर आ जाता है, तो मरनेमारने पर भी उतारू हो सकता है.
आशिक के साथ मारी गई अमरवती
35 साला अमरवती को उस के रिश्ते के दामाद गोलू उर्फ गणेश यादव ने उस के आशिक बालचंद इवने को पीटपीट कर बेरहमी से मार डाला. दरअसल, 26 मार्च, 2017 की रात अमरवती बालचंद के साथ भोपाल के अवधपुरी इलाके की गैलेक्सी सिटी में हमबिस्तरी कर रही थी. उस की भतीजी गोलाबाई ने उसे ऐसा करने से रोका, पर अमरवती पर इस का कोई असर नहीं हुआ.
थोड़ी देर बाद गोलाबाई का शौहर गोलू वहां पहुंचा और इन दोनों को गैलेक्सी सिटी की छत पर ऐयाशी करते देखा, तो उस का खून खोल उठा. गोलू के साथ उस की बीवी गोलाबाई समेत दूसरे रिश्तेदार भूरीबाई और बच्चू भी थे, जिन्होंने अमरवती और बालचंद को पहले तो जम कर मारा, फिर दूसरी मंजिल से नीचे फेंक दिया.
बैतूल जिले से मजदूरी करने आए ये लोग कच्ची झुग्गीझोंपड़ी बना कर रहते थे. अमरवती का शौहर गेंदालाल बीवी को उस के आशिक के साथ हमबिस्तरी की हालत में देख खुद को रोक नहीं पाया और इन सब ने मिल कर हमेशा के लिए नाजायज ताल्लुकात बनाने वाले इन दोनों को मौत के घाट उतार दिया