एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉस्को के लिए पंहुचे और दूसरी ओर राहुल गांधी मणिपुर.  एक तरफ राहुल गांधी मणिपुर में पीड़ित  लोगों के आंसू पोंछ रहे हैं और दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी मास्को में सर्वोच्च सम्मान ले रहे हैं. यह कैसा संयोग है कि अपने देश मणिपुर में आग लगी हुई है दो समुदाय आपस में हिंसा का रास्ता अपनाए हुए हैं वहां शांति कायम करने की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रवाना हो गए हैं रूस ….! सारी दुनिया जानती है कि पुतिन के नेतृत्व में यूक्रेन के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है. यह कैसी विसंगति है, बड़ी-बड़ी बातें करने वाले नरेंद्र मोदी का यह व्यवहार क्या मानवता के खिलाफ नहीं है.

कांग्रेस ने  कटाक्ष करते हुए कहा – विपक्ष के नेता राहुल गांधी मणिपुर की तीसरी बार यात्रा कर रहे है और पीएम मोदी हिंसा से प्रभावित राज्य का दौरा करने के लिए कुछ घंटों का भी समय नहीं है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीएम मोदी को गैर-जैविक प्रधानमंत्री करार दिया है.    कांग्रेस नेता राहुल गांधी मणिपुर पहुंच गए और वहां से उन्होंने जो संदेश दिया है वह सरकार के लिए कुछ करने का सन्देश है. केंद्र सरकार को यह नहीं समझना चाहिए कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में राहुल गांधी की कोई भी गतिविधि सरकार के खिलाफ है उसे यह समझना चाहिए कि यह देश के हित में है और जब सत्ता और विपक्ष एक दृष्टि से काम करेंगे तो देश का भला है.

 

 राहुल का रास्ता या राजमार्ग
राहुल गांधी के दौरे से पहले केंद्र सरकार अलर्ट हो गई और उसके निर्देश पर  मणिपुर के जिरीबाम जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई और ड्रोन के जरिए फोटोग्राफी पर प्रतिबंध लगा दिया गया.

जिरीबाम जिला मजिस्ट्रेट द्वारा रविवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया – सुरक्षा उपायों को बढ़ाते हुए ड्रोन, गुब्बारे या किसी अन्य माध्यम से हवाई फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया.

अधिसूचना में इस बात पर जोर दिया गया कि इस आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 और कानून के अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी. हिंसा प्रभावित राज्य में गांधी के एक दिवसीय दौरे की तैयारी के तहत कार्यकारी अध्यक्ष विक्टर कीशिंग और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) के मणिपुर प्रभारी गिरीश चूडांकर सहित कांग्रेस की राज्य इकाई के नेताओं के एक दल ने उन राहत शिविरों का निरीक्षण किया, जहां शंगांधी के जाने की संभावना है.

 

कांग्रेस की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष कैशम मेघचंद्र और पार्टी के अन्य पदाधिकारी अपने नेता का स्वागत करने के लिए पहले ही इंफल से जिरीबाम जिले के लिए रवाना हो चुके हैं. इससे पूर्व दिन में मणिपुर के कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के राज्य के दौरे को लेकर चर्चा की.

 राहुल गांधी ने मणिपुर का दौरा किया और जिरीबाम, चुराचांदपुर तथा इंफाल में हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात कर बातचीत की. वह राज्य के लोगों के साथ पूरा दिन बिताया. कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘गांधी ने मणिपुर का दौरा कर शांति शांति  की पहल की है। हम आभारी हैं कि उन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष चुने जाने के बाद प्रदेश का दौरा करने का फैसला किया. राहुल गांधी की तीसरी मणिपुर यात्रा पर सारपूर्ण बात कही – जयराम रमेश ने सारगर्भित बात कही-  ‘गैर-जैविक’ प्रधानमंत्री को हिंसा प्रभावित मणिपुर का कुछ घंटों के लिए भी दौरा करने का समय नहीं मिला है, जबकि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की पूर्वोत्तर राज्य की यात्रा एक साल से अधिक समय में उनकी तीसरी यात्रा है .

 

दरअसल नेता प्रतिपक्ष बनने और राज्य की दोनों लोकसभा सीटें जीतने के बाद राहुल गांधी पहली बार मणिपुर पंहुचे. कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, -‘हिंसा के बाद मणिपुर की उनकी यात्रा लोगों के मुद्दों के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है.’ पिछले साल तीन मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के कुछ हफ्ते बाद गांधी ने पहली बार मणिपुर का दौरा किया था. उन्होंने जनवरी, 2024 में राज्य से अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ भी शुरू की थी.

लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी  ने सबसे पहले जिरीबाम उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्थापित राहत शिविर का दौरा किया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के. मेघचंद्र ने संवाददाताओं को बताया- जिरीबाम के लोगों ने गांधी को अपने अनुभवों के बारे में बताया. मेघचंद्र ने कहा – उन्होंने यह भी पूछा कि उन्हें किस चीज की जरूरत है. लड़की ने राहुल गांधी से कहा कि न तो प्रधानमंत्री और न ही मुख्यमंत्री उनसे मिलने आए हैं.उसने गांधी से यह मामला संसद में उठाने का भी आग्रह किया.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा – जिरीबाम में हजारों की संख्या में लोग गांधी का स्वागत करने आए और उनमें से कई लोग उनसे बात करते हुए रो पड़े. मणिपुर के लोगों के आंसू यह संदेश देते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मास्को यात्रा कितना बड़ा  छलावा है . कितना अच्छा होता कि प्रधानमंत्री मणिपुर जाते और वहां की समस्या चुटकियों में खत्म करते. 

 

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