परिवार के सदस्यों की हत्या कर मुखिया द्वारा भी आत्महत्या कर लेने का यह कोई पहला या आखिरी मौका नहीं है बल्कि ऐसा अब हर कभी हर कहीं होता रहता है. फर्क आर्थिक स्थिति और प्रतिष्ठा के लिहाज से हत्या और फिर आत्महत्या कर लेने के तरीकों में होता है.
इंदौर निवासी 45 वर्षीय अभिषेक सक्सेना पेशे से एक नामी सौफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर थे. उन की 42 वर्षीया पत्नी प्रीति भी एक मल्टीनैशनल ईकौमर्स कंपनी में नौकरी करती थीं. जुड़वां बच्चों बेटे अद्वैत और बेटी अनन्या के अलावा घर में 83 वर्षीया बुजुर्गु मां थीं. बीती 24 सितंबर को अभिषेक मां को यह बता कर घर से सपरिवार निकले थे कि बच्चों को घुमाने ले जा रहा हूं, जल्द ही लौट आऊंगा, क्योंकि वापस लौटने के बाद पापा का श्राद्ध करना है.
बूढ़ी मां बेचारी बेटेबहू और नातीनातिन के लौटने का इंतजार करती रहीं. लेकिन खबर यह आई कि इन चारों ने आत्महत्या कर ली है. मां की आंखें पथराई की पथराई रह गईं. जिस ने भी सुना उस ने सोचा यही कि हंसमुख, मिलनसार सक्सेना दंपती के पास किस चीज की कमी थी जो उन्होंने इतने घातक तरीके से आत्महत्या कर ली और आगेपीछे कुछ नहीं सोचा. जरूर कोई बड़ी बात है या फिर सक्सेना परिवार किसी ऐसी परेशानी या अवसाद का शिकार था जिस की चर्चा वह किसी से नहीं कर पा रहा था.
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अभिजात्य आत्महत्याएं
इंदौर के नजदीक क्रीसेंट वाटर पार्क रिसोर्ट 12 महीनों आबाद रहता है. परिवार सहित 1-2 दिनों की छुट्टियां गुजारने के लिए यहां लोगों का तांता लगा रहता है. अभिषेक ने औनलाइन इस रिसोर्ट में कमरा बुक कराया था और 24 सितंबर को प्रीति व बच्चों सहित रूम नंबर 211 में चैकइन भी कर लिया था.