भारत में वैडिंग टूरिज्म का व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है. वैडिंग टूरिज्म का अर्थ है विदेशियों का भारत में होने वाले विवाह समारोहों में शिरकत करना. इस तरह विदेशी न केवल भारतीय परिवेश व संस्कृति से रूबरू होते हैं, बल्कि देश को विदेशियों से अच्छी कमाई भी होती है. हाल ही में दिल्ली में हुई एक शादी में विदेशों से आए 10-15 युवा छात्रछात्राएं मेजबानों के आकर्षण का केंद्र बने हुए थे. ये अलगअलग देशों से आए थे पर शादी के रस्मोरिवाज में एकजैसी रुचि ले रहे थे. शेरवानी कुरते, चूड़ीदार कुरते में सजे लड़के और चमकीले सलवारसूट और लाचाशरारा ड्रैस पहने विदेशी लड़कियां आकर्षण व उत्सुकता का केंद्र बनी हुई थीं. इन की सक्रिय प्रतिभागिता ने स्टेटस कौंशस वाले व अपनेआप में सिमटे रहने वाले लोगों की आंखों में भी उत्सुकता पैदा कर दी थी.

बदल रहा है सिनैरियो

शादी में भाग लेने आई एक विदेशी लड़की कहती है, ‘‘पहले एशियाई देशों की छवि शांत व अहिंसक देशों की थी पर अब (यहां) घटते जीवन मूल्यों, बढ़ते आतंकवाद व हिंसा ने विदेशों में यहां की छवि काफी नकारात्मक बना दी, इस के चलते सुरक्षा हमारी पहली शर्त हो गई है. ऐसी स्थिति में इस तरह के मौकों पर आने से हमारे घर वाले भी बहुत सुरक्षित तथा आश्वस्त अनुभव नहीं कर रहे थे. पर मैं ने ऐसा कुछ नहीं महसूस किया जैसा अकसर भारत के बारे में कहा जाता था.’’

एक और लड़की कहती है, ‘‘हम गुजरात के भावनगर में इस शादी में आ कर इसलिए भी खुश हैं कि यहां हम, लोगों के साथ हैं, अकेले नहीं घूम रहे हैं. हम ने 15 दिन में अनेक स्थान देखे. दिल्ली उतर कर हम ने 6 दिन में पहले राजस्थान घूमा, फिर गुजरात आ गए. 3 दिन शादी एंजौय की. 3-4 दिन गुजरात के विभिन्न स्थानों पर घूमने के बाद फिर 1 दिन आगरा और आखिर के 2 दिन दिल्ली घूम कर हम फिर अपने देश स्विट्जरलैंड वापस चले जाएंगे.

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