गरमी से राहत पाने के लिए किसी न किसी हिल स्टेशन पर जाने को मन मचलने लगता है. ऐसे में नैसर्गिक सौंदर्य से लबरेज नैनीताल हमेशा से युवाओं का फेवरिट डैस्टिनेशन रहा है. प्रकृति पे्रेमियों के लिए तो यह शहर स्वप्ननगरी के समान है. तालों के लिए जाने जाने वाले इस शहर की एक बड़ी खासीयत यह भी है कि यहां के जर्रेजर्रे में प्रकृति का सौंदर्य बिखरा है.

समुद्रतल से करीब 2,000 मीटर की ऊंचाई पर बसा नैनीताल उत्तराखंड राज्य का प्रमुख पर्यटन स्थल है. नैनीताल शहर अपनी हरीभरी वादियों, खूबसूरत पहाडि़यों, प्राकृतिक झरनों और तालों के लिए दुनियाभर में जाना जाता है. यहां मौजूद सागौन और देवदार के ऊंचेऊंचे वृक्षों के झुरमुट और नैनी झील के अनुपम सौंदर्य में खो जाने को मगरूर प्रकृति प्रेमियों के साथसाथ देशविदेश के पर्यटकों व नवदंपतियों को यह स्थान हनीमून स्पौट के रूप में भी खूब रास आता है.

अतीत के झरोखे से

वर्ष 1841 में पहली बार पी बैरन नामक अंगरेज ने इस जगह की खोज की थी. इस की नैसर्गिक खूबसूरती से वह इतना प्रभावित हुआ कि उस ने यहां अपना घर ही बनवा लिया और उस का नाम रखा ‘पिलग्राम कौटेज.’ अंगरेजी शासनकाल में ही एक समय ऐसा भी आया, जब गरमियों में इसे उत्तर प्रदेश की राजधानी बनने का गौरव प्राप्त हुआ. ज्ञातव्य है कि कुछ वर्ष पहले उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश का ही भाग था.

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नैनीताल में अनेक दर्शनीय स्थल मौजूद हैं जिन में प्रमुख हैं :

केव गार्डन

केव गार्डन के नाम से प्रसिद्ध इस स्थान पर अनेक आकार की कई छोटीछोटी संकरी गुफाएं मौजूद हैं. यह गार्डन विशेषतया बच्चों को आकर्षित करता है. इस में प्रवेश के लिए बड़ों और बच्चों को अलगअलग शुल्क देना पड़ता है.

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