झारखंड में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई महत्त्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. इन फैसलों से वहां टूरिज्म की संभावनाओं को कितना बल मिलेगा, इस के लिए पेश हैं, पर्यटन विभाग की निदेशक सुचित्रा सिन्हा से की गई बातचीत के खास अंश:

झारखंड की मौजूदा पर्यटन नीति के आधारस्तंभ क्या हैं?

झारखंड पर्यटन विभाग सक्रिय रूप से 7-‘स’ की रणनीति पर काम कर रहा है यानी यह पूरी तरह से स्वागत, सहयोग, सूचना, संरचना, सुविधा, सफाई और सुरक्षा पर केंद्रित है. हमारी नीति इन्हीं मूल्यों पर आधारित है.

तीर्थस्थल पारसनाथ में क्या कुछ नई सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं?

पारसनाथ को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है. वहां हेलिपैड बनाया जाएगा, जिस की स्वीकृति दे दी गई है और जमीन का भी चयन कर लिया गया है. निर्माण की प्रक्रिया जल्दी शुरू की जाएगी. माननीय मुख्यमंत्री रघुवर दासजी ने कुछ समय पहले पारसनाथ के विकास की समीक्षा की थी. इस दौरान कई महत्त्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. उन्हीं के तहत डोली मजदूरों के आश्रयणी का कार्य शुरू करने का भी फैसला लिया गया है. इस के अलावा यात्री सुविधाओं के लिए भी प्राथमिकता के आधार पर विकास कार्य किए जाने की योजना है.

पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा को ले कर हमेशा ही सवाल खड़े होते रहे हैं. इस दिशा में विभाग की ओर से क्या प्रयास किए जा रहे हैं?

पर्यटन विभाग पर्यटकों और पर्यटन स्थलों की सुरक्षा को ले कर गंभीर है. विभाग ने पर्यटन स्थलों की सुरक्षा और पर्यटकों के सहयोग के लिए स्थानीय लोगों को पर्यटन मित्र के रूप में नियुक्त किया गया है. हाल ही में निजी सुरक्षा एजेंसी से भी सुरक्षा को ले कर करार किया गया है. सरकार पर्यटकों की सुरक्षा को ले कर प्रतिबद्ध है. पर्यटक बेझिझक झारखंड आएं. यहां के लोग अतिथिसत्कार के लिए सदियों से जाने जाते हैं. यहां घूमने आने वाले पर्यटक अब यकीनन अपने अनुभव में यादगार लमहे जोड़ कर जाएंगे.

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