नीला आसमान, रेत और पानी के चमकीले नजारों का प्रकृति का ऐसा खूबसूरत उपहार है गोआ जहां जाने की चाहत हर घुमक्कड़ के दिल में बसती है. भारत का सब से आधुनिक पर्यटन स्थल गोआ विदेशी और भारतीय संस्कृति का बेजोड़ संगम है. यही वजह है कि पिछले साल यानी 2012 में गोआ में तकरीबन 28-30 लाख पर्यटक आए. इन में लगभग 4 लाख पर्यटक तो सिर्फ विदेश से ही आए थे. पर्यटकों में बढ़ती गोआ की लोकप्रियता का ही सबूत यह है कि यहां की आबादी से ज्यादा यहां पर्यटकों का जमावड़ा दिखता है.

गोआ भारत के पश्चिम में स्थित एक छोटा सा राज्य है. पणजी, जिसे पंजिम भी कहा जाता है, यहां की राजधानी है. पणजी समेत वास्को, मडगांव, ओल्ड गोआ, मापुसा और कांदा यहां के प्रमुख शहर हैं. मांडवी और जुवारी यहां की 2 प्रमुख नदिया हैं. यहां कई खूबसूरत बीच और जल प्रपात हैं. यह छोटेबड़े लगभग 40 समुद्री तटों का शानदार गुलदस्ता है.

गोआ का नायाब सौंदर्य बीच तक ही सिमटा नहीं है बल्कि यहां के पुराने और ऐतिहासिक चर्च भी खास आकर्षण हैं. ये सैलानियों को पुर्तगाली दौर में ले जाते हैं. इन्हीं पुराने स्मारकों के चलते गोआ को भारत का रोम भी कहा जाता है. इन के अलावा आधुनिक बाजार, रिवर क्रूज, हैंग ग्लाइडिंग, वाटर राफ्ंिटग और हौट एअर बैलूनिंग जैसी एडवैंचर गतिविधियां पर्यटकों को यहां बारबार आने को मजबूर कर देती हैं.

खूबसूरत बीच

गोआ की सब से खास बात यह है कि यहां आ कर भारतीयों को ऐसा महसूस होता है मानो वे विदेश यात्रा पर निकले हों. कारण, यहां के समुद्रतट अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हैं. शायद यही वजह है कि इस राज्य की विश्व पर्यटन मानचित्र पर अलग पहचान है. यह जगह शांतिप्रिय और प्रकृतिप्रेमी पर्यटकों को खासी लुभाती है. संगीत की धुन में डूबी यहां की शामें जितनी हसीन होती हैं, दिन उतने ही खुशगवार होते हैं.

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