जिन यूजर्स को रिलायंस जिओ 4G सिम नहीं मिल रही है, उनके लिए JioFi भी एक ऑप्शन है. JioFi के इस्तेमाल के लिए यूजर को किसी 4G हैंडसेट की जरूरत भी नहीं होगी. ये एक वाईफाई डिवाइस है, जो जिओ सिम की तरह 4G स्पीड देती है. इतना ही नहीं, इसके साथ एक साथ 10 डिवाइस कनेक्ट किए जा सकते हैं. हालांकि, वाईफाई शेयरिंग के दौरान स्मार्टफोन में वायरस अटैक हो सकता है. साथ ही, डाटा भी चोरी किया जा सकता है.

ऐसे में JioFi या Jio सिम से वाईफाई शेयरिंग के दौरान ये बातें ध्यान रखें.

मल्टी यूजर्स न करें कनेक्ट

आप अपने Jio हॉटस्पॉट और JioFi नेटवर्क पर ज्यादा यूजर्स को वाईफाई चलाने की परमिशन नहीं दें. रिलायंस भले ही JioFi पर 10 डिवाइस को कनेक्ट करने की बात कह रही है, लेकिन जितने ज्यादा डिवाइस कनेक्ट होंगे वाईफाई की स्पीड उतनी ही स्लो हो जाएगी. ठीक इसी तरह Jio हॉटस्पॉट पर भी 4G की स्पीड स्लो हो जाएगी.

सिलेक्टेड डाटा शेयर करें:

वाईफाई नेटवर्क पर हमेशा ही सिलेक्टेड डाटा शेयर करना चाहिए. ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि डाटा शेयर करने से वायरस आने का खतरा भी बढ़ जाता है. ऐसे में Jio हॉटस्पॉट और JioFi नेटवर्क पर यदि आप किसी के साथ डाटा शेयर कर रहे हैं या फिर डाटा ले रहे हैं, तो जरा सावधानी दिखाना चाहिए. गूगल ऐप पर ऐसे कई ऐप्स हैं जिनकी मदद से यूजर्स वाईफाई नेटवर्क पर किसी दूसरे के स्मार्टफोन का डाटा अपने फोन से चुराया जा सकता है.

फोल्डर शेयरिंग से बचें :

वाईफाई नेटवर्क पर जब आप डाटा शेयर कर रहे हैं, तब फोल्डर शेयरिंग से बचना चाहिए. दरअसल, किसी फोल्डर में कुछ ऐसी फाइल भी हो सकती हैं जो आपको स्मार्टफोन का डाटा करप्ट कर सकती हैं. इनमें कुछ हिडन वायरस हो सकते हैं.

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