अपना शरीर चिरयुवा रखने की इच्छा रखने वाले अपना सिर अपनी चाहत वाले स्वस्थ, सुंदर शरीर में फिट करवा सकते हैं. यह साइंस फिक्शन या हवाई सोच नहीं है, अपने पिछले प्रयोगों के बूते वैज्ञानिकों को यकीन है कि बस 22 महीने के बाद इस का जीवंत मानवीय नमूना सब को दिखेगा. यह तय पाया गया है कि वियतनाम और जरमनी के सहयोग से बने अस्पताल में 25 दिसंबर, 2017 को मानवीय सिर के प्रत्यारोपण को अंजाम दे दिया जाए. चिकित्सकों, वैज्ञानिकों का मानना है कि यह परीक्षण पूरी तरह सफल रहेगा. अभी इसी साल जनवरी में एक बंदर के शरीर पर सिर प्रत्यारोपण की प्रक्रिया पूरी तरह सफल रही है. उन्हें यह भी यकीन है कि इस औपरेशन के महज 2 दशकों के भीतर ही इस सिर प्रत्यारोपण की तकनीक  विकसित हो कर इतनी आसान बन जाएगी कि लोग अपने बगल के अस्पताल में जा कर अपनी सुविधानुसार सिर या शरीर बदलवा सकेंगे.

पिछले साल जून की 12 तारीख को यह साफ हो गया कि मनुष्य अमरता के इस नए रास्ते पर चलेगा. इतालवी न्यूरो सर्जन सेर्जियो कनावेरो ने उसी दिन अमेरिका के मेरीलैंड के एन्नापोलिस में होने वाली एक बैठक में अपनी उस योजना का ब्योरा रखा, जिस के तहत वे शल्य चिकित्सकों के एक दल के साथ एक व्यक्ति का सिर दूसरे व्यक्ति के स्वस्थ शरीर पर प्रत्यारोपित करेंगे. शल्य चिकित्सकों के संगठन एकेडमी औफ न्यूरोलौजिकल एंड और्थोपेडिक सर्जंस की इस सालाना बैठक में उन्होंने विशेषज्ञों के हर सवाल का जवाब दिया जो इस विवादित मगर महत्त्वपूर्ण और महत्त्वाकांक्षी औपरेशन से जुड़े थे. सहमति, सम्मति इस पर बनी कि अगले साल इस औपरेशन को अंजाम देने से पहले बाकी तैयारियां कर ली जाएं. 2 साल पहले से ही इस प्रयोग के लिए अपना सिर समर्पित करने वाले वलेरी स्पिरिदोनफ का सिर वे एक दूसरे व्यक्ति के धड़ पर रोप देंगे.

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