पिछले कुछ समय से देश में बहुत सारे लोग ऑनलाइन शॉपिंग करने लगे हैं. फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन जैसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों ने सेल के जो आंकड़े दिए हैं, वे बताते हैं कि ऑनलाइन शॉपिंग भारत में हिट हो रही है.

शॉपिंग के अलावा ऑनलाइन बैंकिंग और बिल पेमेंट जैसे कई काम किए जाते हैं. इससे सुविधा तो होती है, मगर हैकर्स का खतरा भी बना रहता है. पिछले दिनों एसबीआई, यस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और ऐक्सिस बैंक जैसे बड़े बैंक भी हैकिंग से प्रभावित हो गए.

हैकर्स से बचना है तो यह पता होना चाहिए कि वे आपका पैसा चुराते किस तरह से हैं. अगर आपको उनके तौर-तरीकों का पता होगा तो आप सावधान रह सकते हैं. जानें, किन 6 ट्रिक्स से वे फर्जीवाड़ा करते हैं.

फार्मिंग (Pharming)

इस तकनीक के तहत धोखाधड़ी करने वाले आपको नकली वेबसाइट पर ले जाते हैं, जो देखने में एकदम असली लगेगी. जैसे ही आप ट्रांजैक्शन करने के लिए अपन नेटबैंकिंग या कार्ड की डीटेल्स डालेंगे, उसे हैकर्स चुरा लेंगे और बाद में मिसयूज करेंगे.

कीस्ट्रोक लॉगिंग (Keystroke logging)

आप गलती से कोई सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर लेते हैं, जो चुपके से आपकी जानकारियां (नेटबैंकिंग के पासवर्ड और कार्ड की डीलेट्स आदि) हैकर्स को भेजता रहता है.

मालवेयर ( Malware)

हैकर्स ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार करते हैं जो एटीएम या बैंक सर्वर्स के कंप्यूटर सिस्टम को डैमेज कर देते हैं. इससे वे गोपनीय जानकारियां हासिल कर लेते हैं.

फिशिंग और विशिंग (Phishing & Vishing)

फिशिंग में स्पैम मेल के जरिए बेवकूफ बनाया जाता है. आपको लगेगा कि ईमेल असली सोर्स से आई है, मगर वह हैकर्स द्वारा भेजी गई होती है. इसी तरह से मोबाइल फोन के मेसेज या SMS के जरिए ऐसा करने को विशिंग कहा जाता है. इस तरीके से आपको बातों में फंसाकर आपका पासवर्ड, पिन या अकाउंट नंबर हासिल कर लिया जाता है.

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