सौर ऊर्जा के फायदों से हमारा देश अभी अछूता है. हम अभी तक सिर्फ विद्युत ऊर्जा के रूप में ही इस प्राकृतिक ऊर्जा का दोहन कर पाए हैं. अमेरिका ने तो सौर ऊर्जा का उपयोग कर के अमोनिया उर्वरक की पर्यावर्णोन्मुखी नई किस्म बना ली है. इस विधि से प्राप्त अमोनिया उर्वरक बिना किसी प्रदूषण के प्राप्त की जाती है. इस विधि में प्रकाश संचालित विधि के द्वारा अमोनिया का निर्माण किया जाता है.

अमेरिका के ‘सीयू बोल्डर’ यूनिवर्सिटी की असिस्टैंट प्रोफेसर गोर्दाना ड्यूकोविक और अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि प्रकाश की उपस्थिति में कैडमियम सल्फाइड यौगिक के नैनो आकार के रवों का इस्तेमाल करने से रासायनिक परिवर्तन के दौरान इलैक्ट्रौन में इतनी ऊर्जा जुड़ जाती है कि इस के कारण वह ‘एन-2’ अमोनिया में परिवर्तित हो जाता है. डाईनाइट्रोजन ‘एन-2’ में बदलाव के लिए प्रकाश ऊर्जा का इस्तेमाल कर के उस से नाइट्रोजन और हाइड्रोजन के यौगिक अमोनिया ‘एनएच-3’ का निर्माण किया जा सकता है. ‘एन-2’ एक अणु है जो नाइट्रोजन के 2 परमाणुओं से मिल कर बना होता है.

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