आप कहेंगे कैसा अजीब प्राणी है. फ्रौड करने वालों का मुरीद है. लेकिन जनाब, जब आप को भी इन फ्रौडिटेरियनों की विशेषता पता चलेगी तो आप के भी ये डियर हो जाएंगे. श्योर हूं मैं. हालांकि मैं कंप्लीटली फ्रौड किस्म का प्राणी नहीं, पर मुझे फ्रौड किस्म के जीव अति पसंद हैं. दूसरे शब्दों में कहूं तो मैं उन का मुरीद हूं और प्योर फ्रौडिटेरियनों का तो मैं... मत पूछो कि उन का मैं क्या हूं? आज की तारीख में सच पूछो तो आई हेट ईमानदारस. कल तक मुझे फ्रौडिटेरियनों से बहुत नफरत थी. शायद तब मेरी इन के बारे में गलत धारणा बनी हुई थी. इन के बारे में मुझे पर्याप्त ज्ञान नहीं था शायद मुझे. बस, इन को ले कर अनुमान ही लगाया जाता था.

और अनुमान तो कोरे अनुमान होते हैं दोस्तो... फ्रौड किस्म के डियरों में वैसे तो बहुत सी विशेषताएं होती हैं पर इन की एक खास विशेषता जिस का मैं बहुत कायल हूं, और है यह कि फ्रौड किस्म के परमादरणीय जब कहीं फ्रौड करते हैं, तो ऊपर से ले कर नीचे तक सब मिलजुल कर करते हैं. फ्रौड करते वक्त इन की योजना देखने लायक होती है. फ्रौड के वक्त इन का भाईचारा देखने लायक होता है. लगता है जैसे उस वक्त ये सब मौसेरे भाई न हो कर जुड़वां भाई हों. फ्रौड से जो भी मिलता है, उसे पूरी ईमानदारी से बराबरबराबर मिलबांट कर खाते हैं, बिना कदकाठी के हिसाब से. ये फ्रौड करने तक ही एकसाथ नहीं रहते, बल्कि गलती से फंसने के बाद भी एकसाथ रहते हैं. साथ ही मरने, साथ ही जीने की भावना अगर देश में कोई देशवासी बचा हो तो मेरे हिसाब से उसे इन के पदचिह्नों का अनुसरण कर इन से सीखनी चाहिए. समाज में ईमानदार लोग उतनी एकजुटता से नहीं रहते जितनी एकजुटता से फ्रौडिए रहते हैं.

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