उपहार : कौन थी क्षमा जिस ने रविकांत के जीवन में बहार ला दी
कांती द्वारा इनकार किए जाने पर रविकांत ने जीवनभर शादी न करने का फैसला किया था. शायद वह अपने इस प्रण पर अडिग भी रहते, यदि क्षमा उन की जिंदगी में न आती. आखिर कौन थी क्षमा, जिस ने रविकांत के वीरान जीवन में बहार ला दी थी?
अपने पहले एकतरफा प्रेम का प्रतिकार रविकांत केवल ‘न’ मेें ही पा सका. उस की कांती तो मां-बाप के ढूंढ़े हुए लड़के आशुतोष के साथ विवाह कर जरमनी चली गई. वह बिखर गया. विवाह न करने की ठान ली. मांबाप अपने बेटे को कहते समझाते 4 साल के अंदर दिवंगत हो गए.