कंप्यूटर साइंस में बीटैक के आखिरी साल के ऐग्जाम्स हो चुके थे और रिजल्ट आजकल में आने वाला था. कालेज में प्लेसमैंट के लिए कंपनियों के नुमाइंदे आए हुए थे. अभी तक की बैस्ट आईटी कंपनी ने प्लेसमैंट की प्रक्रिया पूरी की और नाम पुकारे जाने का इंतजार करने के लिए छात्रों से कहा. थोड़ी देर बाद कंपनी के मैनेजर ने सीट ग्रहण की और हौल में एकत्रित सभी छात्रों को संबोधित करते हुए प्लेसमैंट हुए छात्रों की लिस्ट पढ़नी शुरू की.

‘‘पहला नाम है जैंटलमैन नारायण का. नारायण स्टेज पर आएं और कंपनी में सेवाएं देने के लिए अपना फौर्म भरें. अगला नाम है...’’ कहते हुए उन्होंने कई नाम लिए. नारायण अपना नाम सुनते ही फूला न समाया. जब उस का नाम पुकारा गया तो हौल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. कारण था नारायण को जैंटलमैन कह कर पुकारा जाना. दरअसल, नारायण सभी छात्रों का प्यारा और टीचर्स का पसंदीदा टौप करने वाला छात्र था. साथ ही इंटरव्यू के दौरान उस ने कंपनी वालों को बता दिया था कि वह जैंटलमैन बनने के लिए आईटी कंपनी जौइन करना चाहता है, सो उन्होंने भी उसे जैंटलमैन कह कर पुकारा.

नारायण स्टेज पर गया और फौर्म ले कर एक कोने में लगे डैस्क पर बैठ कर उसे भरने लगा. उस का तो जैसे सपना साकार हो गया था. उसे लाखों का सालाना पैकेज मिला था. फौर्म भरते हुए वह वर्तमान से अतीत में खो गया. उस की नजरों के सामने अचानक वह दिन घूमने लगा जब उस ने पापा से स्मार्टफोन लेने की जिद की थी. उस दिन पापा ने सरसरी तौर पर पूछा, ‘‘परसों तुम्हारा जन्मदिन है. क्या गिफ्ट चाहिए?’’

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