स्कूली पढ़ाई अवनि ने गर्ल्स स्कूल से की थी और आज वह पहली बार कालेज में कदम रखने जा रही थी, वह भी कोएड कालेज में. स्कूल के माहौल से कालेज का माहौल बिलकुल अलग होता है. नई बिल्डिंग, हरियाली से भरे कैंपस में नएनए चेहरे, सभीकुछ नया ही तो था उस के लिए. वह डरतेघबराते, सकुचाते हुए मेनगेट से अंदर दाखिल हुई और अपनी क्लास में जाने लगी. पर उसे अपनी क्लास तो मालूम ही नहीं थी. किस से पूछे, कैसे पूछे? इसी उधेड़बुन में उस ने एक चपरासी से पूछ ही लिया, बीकौम फर्स्ट ईयर की क्लास कहां है?

चपरासी ने सही तरीके से उसे समझाया, ‘‘सीधे जा कर 2 मंजिल ऊपर चढ़ना और दाएं से 7वां कमरा. 2/6 यानी सैकंड फ्लोर पर रूम नं. 6, स्टाफरूम है और उस पर नंबर नहीं है.’’ अवनि ने उसे थैंक्यू कहा तो वह मुसकराते हुए आगे बढ़ गया और अवनि सीधे जाने लगी. वह चपरासी के बताए अनुसार ही चली और रूम नं. 6 के सामने जा कर देखा, गेट के ऊपर लगी तख्ती पर लिखा था. ‘‘क्च.ष्शद्व.ढ्ढ4द्गड्डह्म्. घबराते हुए वह क्लासरूम में दाखिल हुई तो लड़केलड़कियों से कमरा लगभग  भरा हुआ था. अधिकतर लड़कियां रंगबिरंगे, चटक रंग के कपड़े पहने हुए थीं, पर अवनि के कपड़े सादे थे. वह एक साधारण परिवार से थी.

प्रोफैसर आए, उन्होंने सब फ्रैशर्स का स्वागत करते हुए अपना परिचय दिया. इस के बाद उन्होंने अटैंडैंस ली और सभी को अपनाअपना परिचय देने को कहा. अवनि की बारी आई तो उस ने घबराते हुए अपना परिचय दिया. सब का परिचय होतेहोते पूरा पीरियड खत्म हो गया.

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