पूरा हौल दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था. तालियों की गड़गड़ाहट हौल को गुंजायमान कर रही थी. सभी दर्शकों की नजरें स्टेज पर मिस इंडिया का क्राउन पहनी सोहा पर टिकी हुई थीं. सोहा मुंह पर हाथ रखे खुशी के आंसू बहा रही थी और उन्हीं पनीली आंखों से अपने भाई सिरीश को औडियंस में ढूंढ़ रही थी. मिस इंडिया कौंटैस्ट के प्रश्नोत्तरी राउंड में पूछे गए सवालों का कितना सही जवाब दिया था उस ने. प्रश्न था, ‘‘आज आप इस मुकाम पर हैं, ऐसी क्या खूबी है आप में?’’ और सोहा का जवाब था, ‘‘आई बिलीव इन माईसैल्फ. आज मेरे पास जो कुछ है मैं उसी में ही खुशियां ढूंढ़ने की कोशिश करती हूं.’’

खूबसूरत तो वह थी ही, लेकिन उस के इस जवाब ने जजेज को काफी प्रभावित किया और उसे मिस इंडिया के खिताब से नवाजा गया. खैर, अब तो उस के पास बधाई देने वालों का तांता लग गया था. उस के मातापिता खुशी से फूले नहीं समा रहे थे. वह खुद भी कह रही थी, ‘‘ऐसा लग रहा है कि मैं कोई ख्वाब तो नहीं देख रही हूं?’’

उस का भाई सिरीश अपनी छोटी बहन को इस मुकाम पर देख कर बहुत खुश था और सोहा अपनी इस सफलता का सारा श्रेय अपने भाई सिरीश को देते हुए कह रही थी, ‘‘थैंक यू भैया, यह सब आप ही के सहयोग से संभव हुआ है, मम्मीपापा तो पुराने विचारों के हैं, उन्हें भी तो आप ही ने मनाया और आप ही ने मिस इंडिया कौंटैस्ट की सारी जानकारी इकट्ठा कर मुझे इस के लिए तैयारी करने को कहा. आप ही मेरा सुरक्षा कवच बने, मेरे साथ घूमते रहे. कभी औडिशन के लिए तो कभी टैलेंट राउंड के लिए जाना होता था तो आप ही मेरे साथ थे वरना मम्मीपापा तो कितने डरते थे इस मौडलिंग के क्षेत्र से और उन का डरना वाजिब भी था, क्योंकि आजकल टीवी और अखबारों में आएदिन न जाने कितनी बुरीबुरी खबरें पढ़नेसुनने को मिलती हैं.’’ ठीक ही तो कह रही थी सोहा. इन 4 वर्षों में सिरीश ने सोहा को इस मुकाम तक पहुंचाने में कितनी मेहनत की थी. उस ने सोहा को अच्छे ब्यूटी कौंटैस्ट के ट्रेनिंग प्रोग्राम में दाखिला दिलवाया, जिस में उस ने पब्लिक स्पीकिंग, वौइस मौड्यूलेशन आदि की ट्रेनिंग ली.

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