28 जून, 2017 की बात है. एक महिला मुरादाबाद के एसएसपी मनोज तिवारी के औफिस जा कर उन से मिली. उस महिला के साथ 3 वकील भी थे, जो मुरादाबाद कचहरी में प्रैक्टिस करते थे. महिला किसी अच्छे परिवार की लग रही थी. एसएसपी ने सभी को बैठने का इशारा किया.

महिला ने अपना नाम अंशु उर्फ रेनू सागर बताते हुए एसएसपी को एक तहरीर दी, ‘‘मेरा करीब एक साल से लाइनपार, प्रकाश नगर में रहने वाले राघव शर्मा से प्रेमसंबंध है. राघव के साथ मैं बाहर घूमनेफिरने भी जाती थी. पिछले दिनों हम हरिद्वार भी घूमने गए थे. वहां हर की पौड़ी के पास स्थित मंदिर में राघव और मैं ने शादी कर ली थी.’’ अंशु ने एसएसपी को शादी के समय राघव द्वारा उस की मांग भरते हुए फोटो भी दिखाए.

अंशु ने बताया कि राघव शर्मा को जब पता चला कि वह दलित लड़की है तो उस ने शादी वाली बात से इनकार कर दिया. उस के साथ आए वकीलों ने भी इस मामले में उचित काररवाई करने का अनुरोध किया.

अंशु मुरादाबाद की पौश कालोनी मानसरोवर में रहती थी. यह कालोनी मझोला थाने के अंतर्गत आती थी, इसलिए एसएसपी ने अंशु से कहा कि वह थाना मझोला चली जाए, जहां उस की शिकायत पर उचित काररवाई की जाएगी. एसएसपी ने उसी समय मझोला के थानाप्रभारी आर.के. नागर को फोन कर के अंशु के मामले में यथाशीघ्र काररवाई करने के निर्देश दे दिए.

अंशु एसएसपी औफिस से सीधे थाना मझोला पहुंची और थानाप्रभारी आर.के. नागर को विस्तार से सारी बात बता दी. अंशु देखने में खूबसूरत थी, इसलिए थानाप्रभारी  को अंशु की बातों में सच्चाई नजर आ रही थी.

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