विकृति की इंतहा: भाग 1

आखिरी भाग

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मतलब साफ था कि फैजान की हत्या करने के बाद कातिल ने शव घर में ही छिपा कर रखा था, लेकिन पुलिस की सक्रियता के कारण उसे शव को ठिकाने लगाने का मौका नहीं मिल पाया था. लेकिन जब लाश से तेज बदबू आने लगी तो उसे ठिकाने लगाना कातिल की मजबूरी हो गई थी.

फैजान का शव जिस बोरी में मिला था, उस में धागों के टुकड़े मिले थे. बोरी का मुंह भी कपड़े की चिंदी से बांधा गया था. फैजान के घर में भी सिलाई का काम होता था. इस के अलावा मोहल्ले में अधिकांश घरों में टेलरिंग का काम होता था. इसलिए सुराग की तलाश में पुलिस ने करीब 200 घरों की गहनता से तलाशी ली.

पुलिस को पता चला कि फैजान के पड़ोस में रहने वाला 19 वर्षीय सोहेल अंसारी उर्फ मोनू घटना वाले दिन रतलाम में अपने घर पर ही था. 2 दिन बाद वह बहन की शादी में शामिल होने खंडवा चला गया था, जहां से वह 22 अप्रैल को वापस आया था.

उस के लौटने के अगले दिन ही 23 अप्रैल को सोहेल के घर से कुछ ही दूर नाले में फैजान का शव मिला था. इसलिए पुलिस ने सोहेल को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया. ऐसा नहीं कि पुलिस ने सोहेल से पहले पूछताछ न की हो. घटना के ठीक बाद भी पुलिस उसे उठा कर थाने लाई थी लेकिन उस समय उस की बहन की शादी की वजह से उसे थाने से भेज दिया था.

फैजान का परिवार सोहेल पर खूब भरोसा करता था. घटना के ठीक बाद जब पुलिस मोहल्ले में घरों की तलाशी ले रही थी, तब फैजान के पिता ने खुद सोहेल के घर की तलाशी लेने से पुलिस को यह कह कर रोका था कि यह हमारे घर का ही आदमी है. अब उसी सोहेल को पुलिस ने पुख्ता शक के आधार पर हिरासत में लिया था. लेकिन सोहेल इस मामले में खुद को निर्दोष साबित करने पर तुला था.

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