गत 29 जून को सोशल मीडिया पर राजस्थान महिला आयोग की सदस्या सोम्या गुर्जर की कुछ तस्वीरें वायरल हुईं, जिसमें वे एक रेप सर्वाइवर के साथ सेल्फी क्लिक करती नजर आई  दिलचस्प बात बात तो यह है कि इस  में चेयरपर्सन सुमन शर्मा भी नजर अस रही थी, जिनकी नजर फ्रेम की ओर ही था. तस्वीरें वायरल होते ही सौम्या गुर्जर के इस व्यवहार की निंदा होने लगी और आनन फानन मे राष्ट्रीय महिला आयोग ने दोनों को पेश होने  का समन  भेजा. विवाद बढ़ता देख सौम्या ने इस्तीफा दे दिया. वस्तुतः सेल्फी और  सोशल मीडिया का क्रेज इस कदर लोगों के सर चढ़ कर बोलने लगा है कि इसके जोश मे इंसान कई दफा ऐसा कुछ कर जाता है जो उसकी संवेदनशीलता पर  सवाल खड़े कर दे. कुछ समय पहले अपने औफिशियल फेसबुक पेज और ट्विटर पर 74 वर्षीय महानायक, अमिताभ बच्चन ने अपने उद् गार कुछ इस तरह प्रगट किए थे कि मेरा प्यारा दोस्त गुजर गया. बातें करताकरता वह अचानक दुनिया को अलविदा बोल कर चला गया. मैं सदमे में था. बहुत दर्दभरे लमहे थे वो. अपने दोस्त की अंतिम विदाई देखने दिल्ली गया था. मगर उस माहौल में भी कुछ लोगों को सेल्फी की सूझ रही थी. डिसगस्टिंग. लोगों की संवेदनशीलता कहां चली गई है? जाने वाले के लिए उन के दिल में सम्मान और दर्द नहीं. ऐसे मौके पर भी सेल्फी लेने की कोई कैसे सोच सकता है?

दरअसल महानायक को देखते ही लोग सबकुछ भूल कर उन के साथ सेल्फी लेने की होड़ में जुट गए थे. जाहिर है, किसी भी संवेदनशील इंसान को इस तरह की घटना झिंझोड़ कर रख सकती है.

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