खुदगर्जी से कायम नाजायज रिश्ते रजामंदी से शुरू हो कर ब्लैकमेलिंग का षड्यंत्रकारी जाल किस तरह बुनते हैं, यह मध्य प्रदेश के पूर्व वित्तमंत्री राघवजी के मामले से परिलक्षित है. सैक्स, सीडी और सियासत के ये मामले सियासतदानों के राजनीतिक कैरियर में अकसर भूचाल लाते हैं.

मध्य प्रदेश के पूर्व वित्तमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता 80 वर्षीय राघवजी को 34 दिनों तक जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया. जेल में डाले जाने से पहले वे कलियुगी हरकतें करते रहे थे. 4 जुलाई को राघवजी के बंगले पर रह रहे उन के एक 20 वर्षीय नौकर राजकुमार दांगी ने उन पर यह इल्जाम मढ़ते न केवल सूबे बल्कि देशभर की सियासत में हाहाकार मचा दिया था कि राघवजी 3 सालों से उस का यौन शोषण कर रहे थे और एवज में सरकारी नौकरी का लालच देते थे. इस बाबत राजकुमार ने बतौर सुबूत कुछ सीडियां भी पेश की थीं जो सार्वजनिक हुईं तो राघव जी को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद उन्हें भारतीय दंड संहिता की धाराओं-377, 506 (बी) और 34 के तहत गिरफ्तार हो कर जेल की हवा खानी पड़ी.

एक हफ्ते तक इस मामले पर काफी गरमागरमी रही. लोगों को हैरानी इस बात को ले कर थी कि राघवजी जैसा इज्जतदार नेता आखिरकार कैसे इस ?ामेले में पड़ गया. इस पर विदिशा के एक भाजपा नेता का कहना है कि वित्त मंत्रालय का प्रबंधन 10 साल तक कामयाबी से करने वाले राघवजी इस लड़के को अगर ‘सलीके’ से ‘मैनेज’ कर लेते तो उन्हें ये दिन न देखने पड़ते.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...