एसीपी अमित सिंह की उम्र महज 35 साल थी. वे दिल्ली पुलिस के स्पैशल सैल में तैनात थे. उन की खुशहाल सी दिखने वाली जिंदगी में उन के साथ पत्नी डाक्टर सरिता थीं और महज 18 महीने की एक प्यारी बेटी थी. अमित सिंह के पास अच्छी नौकरी के साथसाथ वे तमाम सुखसुविधाएं भी मुहैया थीं, जिन के लिए करोड़ों लोग सपने देखते हैं. वे अपने परिवार के साथ दिल्ली से सटे नोएडा के सैक्टर-100 में बने एक फ्लैट में रहते थे. बाहरी तौर पर सब ठीक था, लेकिन अचानक ऐसा कुछ हुआ कि अमित सिंह का परिवार और उन की जानपहचान वाले हैरान रह गए. दरअसल, अमित सिंह ने अपनी सर्विस रिवौल्वर से खुद को गोली मार ली थी. पति की मौत के सदमे में उन की पत्नी ने भी चौथी मंजिल से छलांग लगा दी. उन्हें गंभीर चोटें आई थीं. उन की कमर, हाथ व पैर की हड्डियां टूट गई थीं. चंद दिनों के इलाज के दौरान उन की भी मौत हो गई थी.

किसी परिवार का ऐसा अंजाम हर किसी की उम्मीदों से जुदा था. अमित सिंह की खुदकुशी अपने पीछे एक सवाल छोड़ गई कि प्रगतिशील समाज में उन जैसे लोग खुद मौत का रास्ता क्यों चुन रहे हैं? दरअसल, चकाचौंध से भरी जिंदगी के पीछे भी अंधेरे होते हैं और वह सब चल रहा होता है, जो आमतौर पर दिखाई नहीं देता. भागतीदौड़ती जिंदगी में लोग ऐसी उदासी से गुजर रहे हैं, जो उन के बरदाश्त से बाहर हो रही है. सहनशीलता और सब्र जवाब दे रहा है. इस के नतीजे इतने घातक निकल रहे हैं कि लोग अपनी सांसों की डोर तोड़ रहे हैं. समाज में खुदकुशी करने वालों की फेहरिस्त में ऊंचे ओहदों पर बैठे लोग भी शरीक हो रहे हैं. जिंदगी से हारने वाले अमित सिंह बिहार के छपरा जिले के रहने वाले थे. उन की पत्नी सरिता एक निजी अस्पताल में बतौर दांतों की डाक्टर प्रैक्टिस कर रही थीं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...