अकसर हम अजीबोगरीब हालात में फंस जाते हैं, न चाहते हुए भी अप्रिय स्थिति उत्पन्न हो जाती है. मान लीजिए कि आप की सब से प्रिय दोस्त एक ऐसी ड्रैस पहन कर आप की तारीफ पाना चाहती है जो उसे हास्यास्पद बना रही है या फिर आप लंच पर आमंत्रित हैं और वहां का खाना आप के बच्चे मुंह में रखने को तैयार नहीं हो रहे. कभीकभी तो हम खुद ही, अनजाने में, अपने लिए गड्ढा खोद लेते हैं. बिना सोचेसमझे झूठ बोल दिया और वह झूठ पकड़ लिया गया या फिर ताव में आ कर जिस की बुराई की उसी ने आप को बुराई करते सुन लिया.

कैसे निबटें इन असहज हालात से, ऐसा क्या करें, क्या कहें कि बिगड़ी बात बन जाए, रिश्तों में दरार भी न आए और आप की सच्चे दोस्त, समझदार और संवेदनशील इंसान होने की छवि बरकरार भी रहे.

नाम याद न रहना

आप पार्टी में गईं, एक खूबसूरत चिरपरिचित चेहरा बड़ी आजिजी से आप के, आप के परिवार के हालचाल पूछ रहा है और आप की कम्बख्त याददाश्त पीछे छूट चुकी जवानी की तरह आप का साथ छोड़ गई. आप को उन का नाम याद ही नहीं आ रहा. यह ऐसी कौमन सिचुएशन है जिस से हम सब गुजरते हैं. ऐसे में क्या करें?

सब से पहले तो आप के दिल की उलझन चेहरे पर न झलके, इस पर ध्यान दें. होंठों पर मुसकराहट बरकरार रखें और जो कुछ भी ‘वह’ पूछ रही है उस का जवाब देती रहें. लेकिन सवाल करने से बचें ताकि वार्तालाप संक्षिप्त हो और मौका मिलते ही आप वहां से खिसक लें. अगर ऐसा अवसर नहीं मिलता, आप वहां से नहीं निकल पातीं तो कुछ समय बाद उन से कहिए कि मुझे आप की खूबसूरत पर्पल साड़ी, हाल्टरनेक ब्लाउज और पर्ल ज्वैलरी अभी भी याद है, जो आप ने मिसेस बत्रा की पार्टी में पहनी थी. लेकिन माफ कीजिएगा, आप का नाम मैं थोड़ा भूल रही हूं. महिला समझदार होगी तो इशारा समझ कर अपना नाम बता देगी और बुरा भी नहीं मानेगी.

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