उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार विधानसभा चुनावों में अपने विकास के एजेंडें के साथ जाना चाहती है. इसमें सबसे बडा मुद्दा लखनऊ मेट्रो है. प्रदेश सरकार शुरू से ही यह योजना बना कर चल रही है कि विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लखनऊ मेट्रो को हरी झंडी दिखा दें. सरकार के 2 बडे अफसर मुख्य सचिव आलोक रंजन और प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल लखनऊ मेट्रों की प्रगति पर लगातार नजर रखे हुये है.

लखनऊ मेट्रो के एमडी कुमार केशव को भी पता है कि लखनऊ मेट्रो मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. वह विधानसभा चुनाव के पहले लखनऊ की मेट्रो ट्रेन को पटरी पर दौडते देखना चाहते है. लखनऊ मेट्रों में सलाहकार की भूमिका में ई.श्रीधरन है. जिनको मेट्रो मैन के रूप में जाना जाता है. दिल्ली मेट्रो के निर्माण में उनकी प्रमुख भूमिका थी. लखनऊ मेट्रो के निर्माण में लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन और एलएंडटी संस्थाये लगी है. एलएंडटी देश की सबसे बेहतर संस्था है.

देखा जाये तो सरकार के स्तर पर लखनऊ मेट्रो का काम बेहतरीन लोग कर रहे है. इसके बाद भी लखनऊ मेट्रो के निर्माण में बेहद लापरवाही बरती जा रही है. इसका सबसे बडा उदाहरण है कि 15 दिन के अंदर 2 बार लखनऊ मेट्रो के निर्माण की पोल खुल गई. पहली बार पुल की सीमेंट गिरने से हादसा हुआ. उस समय उस जगह पर कोई नहीं था इसलिये कोई घायल नहीं हुआ. दूसरी बार निर्माण सामाग्री गिरने से कुछ लोग घायल हो गये. इन 2 हादसों ने लखनऊ मेट्रो के निर्माण में घटिया सामाग्री के प्रयोग की पोल खोल दी है.

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