दिल लुभाते डहेलिया के फूल घर, आंगन और बगीचे को अपनी रंगबिरंगी किस्मों से खूबसूरत गुलदस्ते में तबदील कर देते हैं. इन फूलों को लगाने और नर्सरी से जुड़ी तमाम जानकारियां दे रहे हैं गंगाशरण सैनी.

मौसमी फूलों में डहेलिया अपने विविध रंग, रूप व आकारों के कारण उद्यान को आकर्षक व मनमोहक बनाता है. उद्यानप्रेमी इसे आसानी से उगा सकते हैं. डहेलिया की जन्मभूमि मैक्सिको है. वनस्पति वैज्ञानिक ऐंडरोस डेहल के नाम पर इस फूल का नाम ‘डहेलिया’ रखा गया. यह एक अत्यंत आकर्षक उद्यानी पौधा है. इस का तना खोखला होता है, इस के फूलों से गुलदस्तों को सजाया जाता है. डहेलिया के नाना प्रकार की संरचना वाले विभिन्न रंग, रूप व आकार के फूल पाए जाते हैं. थोड़ी सी देखभाल और मेहनत से आप भी डहेलिया के मनमोहक फूल गमलों व क्यारियों में उगा कर लाभान्वित हो सकते हैं.

वर्गीकरण

डहेलिया सोसाइटी ने डहेलिया को 11 भागों में विभक्त किया है, परंतु इन में 3 वर्ग प्रमुख हैं :

जायंट डैकोरेटिव : इस वर्ग के फूलों की पंखडि़यां सघन व एकदूसरे पर चढ़ी प्रतीत होती हैं. इस के फूलों के मध्य में एक पीली या भूरी घुंडी होती है. फूल का व्यास 30-45 सैंटीमीटर तक होता है.

कैक्टस : यह डहेलिया की सब से उन्नत प्रजाति है. इस के फूलों की पंखडि़यां नुकीली, कुछ सघन व मुड़ी हुई होती हैं. इस प्रजाति के फूलों का व्यास भी 30-45 सैंटीमीटर होता है.

पौमपोन डहेलिया : इस प्रजाति के फूलों का व्यास लगभग 7.5 सैंटीमीटर होता है. फूल सफेद, गुलाबी, पीले, लाल व हलके बैगनी रंग के होते हैं. इस प्रजाति की किस्में गमलों में उगाने हेतु उत्तम हैं.

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