दुनिया में अगर कोई सबसे निजी जगह होती है तो वह टौयलेट या बाथरूम ही होता है. लेकिन कभी-कभी यहां भी प्राइवेसी की चिंता हो ही जाती है. सुबह हो या शाम ‘फ्रेश’ होने के लिए जब कोई टौयलेट में जाता है तो आमतौर पर उसे यही चिंता लगी रहती है कि फ्रेश होने के दौरान भीतर की आवाज बाहर न पहुंचे. इसी चिंता में टौयलेट में पहुंच कर सबसे पहले जो काम आमतौर पर लोग करते हैं वह यह कि एकाध नल खोल ही देते हैं इससे होता यह है कि फ्रेश होने के दौरान होनेवाली आवाज के बाहर पहुंचने की शर्म से तो बच जाते हैं. लेकिन बहुत सारा पानी बेजा बह जाता है. कहते हैं पूरे विश्व में बाथरूम में सबसे ज्यादा पानी बर्बाद होता है. बाथरूम में खर्च होनेवाले पानी का 75 प्रतिशत यूं ही बर्बाद हो जाता है. ब्रश करते हुए, शेविंग करते हुए हम बहुत सारा पानी पहले ही जाया करते हैं. इसके बाद नहाने और कपड़े धोने में. फ्रेश होने के दौरान भी बहुत सारा पानी बिला वजह जाया होता है.

जहां तक शेविंग करने या ब्रश करने के दौरान होने वाली बर्बादी का सवाल है तो इस ओर लोगों को जागरूक बनाने के लिए सरकारी तौर पर विज्ञापन जारी किए गए हैं. लेकिन इसका कितना लाभ हुआ, इसका हिसाब किसने रखा या नहीं – यह तो पता नहीं. लेकिन इतना जरूर है कि देश के विभिन्न हिस्से में पानी की मौजूदा किल्लत समस्या की गंभीरता का एहसास कराती ही है.

पानी की किल्लत आज भारत में बड़ी समस्या बन कर उभर आयी है. निकट भविष्य में इस समस्या का समाधान नजर भी नहीं आता. भूगर्भजल का स्तर भी खतरनाक तरीके से कम होता जा रहा है. जाहिर है आगे चल समस्या और भी अधिक गंभीर होगी. बहरहाल, कम से कम फ्रेश होने के दौरान होनेवाली पानी की बर्बादी के लिए एक नया ऐप जारी हुआ है और उसका नाम है - साइलेंट लू. टौयलेट में पानी की बर्बादी को बचाने के लिए ही इस ऐप को तैयार किया गया है. कम से कम ऐसा ही दावा करती है. इस ऐप को विज्ञापन बनानेवाली ब्रिटेन की एक कंपनी सात्ची एंड सत्ची और बाथस्टोर ने मिल कर बनाया है. कंपनी का कहना है कि लंबे समय से सोशल मीडिया में इस तरह के किसी ऐप की मांग की जा रही थी. अंतत: 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस को कंपनी ने इस ऐप को लांच कर दिया. कंपनी इसे क्रांतिकारी ऐप मानती है. कंपनी को उम्मीद है कि इस एक तीर से कई निशाना साधना संभव होगा. सबसे पहला मकसद पानी की बचत है. इसके अलावा लोगों में पानी की बर्बादी को लेकर जागरूकता फैलाना भी है. इससे न केवल पानी की बचत होगी, पैसे और ऊर्जा की भी बचत इसका बोनस है.

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