नीलू अपनी शादी के दिनों को याद कर अभी भी शरमा जाती है. बच्चे बेशक बड़े हो गए हैं लेकिन नीलू आज भी खूबसूरत दिखती है. वह बात भी उतनी ही नजाकत से करती है. वह कहती है, ‘‘मेरी शादी 17 वर्ष में ही हो गई थी. सास व घर के अन्य सदस्य पुराने खयालात के थे. उस वक्त हनीमून कोई माने नहीं रखता था. मैं ने हनीमून पर चलने के लिए पति को कहा तो उन्होंने अपनी मम्मी से बात करने से इनकार कर दिया. हम ने अपना हनीमून घर पर ही मनाया.

‘‘सुबह की पहली किरण ने खिड़कियों से झांका तो पति ने मेरे कानों में हौले से फुसफुसा कर ‘आई लव यू’ बोला था. हम ने घर पर ही नए अंदाज में अपने रिश्ते को जोड़ा.

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‘‘विवाह के कुछ ही दिनों के बाद दीवाली का त्योहार था. वह दीवाली मैं कभी नहीं भूल सकती. तब से ले कर अब तक न जाने कितनी दीवाली आईं पर पति के साथ रोशनी में डूबी वह पहली दीवाली की रात यादगार है, जिस में था पति का प्यार, सामीप्य और रिश्तों की नजदीकियां.’’

रिश्तों में खिंचाव न लाएं

मनोवैज्ञानिक डा. मनोज कहते हैं, ‘‘शादी के कुछ समय बाद ही पतिपत्नी के रिश्ते में खिंचाव सा पैदा होने लगता है. दोनों एकदूसरे से बहुत सी आशाएं रख कर चलते हैं. एकल परिवार में रहते हुए, काम की अधिकता न होने के कारण पत्नी तो प्यार में सराबोर रहती है लेकिन पति व्यस्तता के चलते पत्नी के प्यार को समझते हुए भी उसे अपना समय नहीं दे पाता है. नतीजतन, दोनों एकदूसरे को ले कर तनाव, खिंचाव महसूस करने लगते हैं.’’ पति समय नहीं दे पा रहे, यह सोच कर दुखी व डिप्रैश्ड न हों. एकदूसरे को मैसेज कर के कनैक्टेड रहें व समय की कमी को भूल जाएं. पत्नी को पति के काम की अहमियत समझनी चाहिए. समय के हर पल में पत्नी को खुशी ढूंढ़ने की कोशिश करनी चाहिए.

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