ये छोटीछोटी बातें

जुगनू से नन्हें तारोंभरी रातें

गीले गेसू से टपकती हैं

चेहरे पर ठंडी बूंदें

गरम चुंबन और प्याला चाय का,

ऐसे होती हैं दिन की शुरुआतें

रसोई से आती सोंधी सुगंध

हुजूर, आज नाश्ते का क्या है प्रबंध

‘ब्रीफकेस’ ले कर खड़ा हूं

कि बांहों में आ जाओ

बांधो मेरी ‘टाई’

और कर दो विदा

‘औफिस’ दूर है ‘ट्रेन’ में

साथियों से हंसता हुआ संबंध

खट्टेमीठे अनुभव पर

योजना, संकल्प और अभियान

खूबसूरत ‘स्टाफ’ का अभिवादन

‘बौस’ का शिक्षण और भाषण

‘औफिस’ बंद और अब

रंगीन शाम का ‘प्लान’

घर आ कर बच्चों से संवाद और ‘ट्यूशन’

उन की परेशानियों का निदान

हर क्षण है एक आभूषण

हम सब को है अब ‘पार्टी’ का ध्यान

रात में बीवी की बांहों में प्यार

शृंगार और मनुहार के कई प्रकार

हर दिन, हर घड़ी है सोने की खदान

सपनों में जाने की अब हमें क्या दरकार.

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