न मिले तो क़यामत नहीं है
ये न कहना मोहब्बत नहीं है
मुझको रखना सदा अपने दिल में
दूरियों से शिकायत नहीं है
दिल की बातें जुबां तक भी लाएं
अपने घर की रवायत नहीं है
क्यों परेशां हो मेरे लिए तुम
मेरी किस्मत में जन्नत नहीं है
रोज़ी रोटी की है फ़िक्र इतनी
मुझको रोने की फुर्सत नहीं है
चढ़ गये इतने चेहरे पे चेहरे
जो दिखे वो हकीकत नहीं है

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...