न मिले तो क़यामत नहीं है
ये न कहना मोहब्बत नहीं है
मुझको रखना सदा अपने दिल में
दूरियों से शिकायत नहीं है
दिल की बातें जुबां तक भी लाएं
अपने घर की रवायत नहीं है
क्यों परेशां हो मेरे लिए तुम
मेरी किस्मत में जन्नत नहीं है
रोज़ी रोटी की है फ़िक्र इतनी
मुझको रोने की फुर्सत नहीं है
चढ़ गये इतने चेहरे पे चेहरे
जो दिखे वो हकीकत नहीं है
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
सब्सक्रिप्शन के साथ पाए
500 से ज्यादा ऑडियो स्टोरीज
7 हजार से ज्यादा कहानियां
50 से ज्यादा नई कहानियां हर महीने
निजी समस्याओं के समाधान
समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...
सरिता से और