यह प्यार कोई गुनाह तो नहीं,
रिश्तों में दरार की वजह तो नहीं.
जाने कितने सालों से
दिल में छिपाए बैठे हैं, नाउम्मीदी के पश्चात भी
अपना बनाए बैठे हैं.
वो कहते हैं हम से कुछ मत छिपाना,
अपना हाल ए दिल
हम को सुनाना. बुरा लग गया
तो तुम्हें बता देंगे, अन्यथा अपनी पलकों में
फूलों की जगह सजा लेंगे.
फिर भी थे शब्द खुल के बता भी न सके,
वर्षों एक दिन मिलन की आस में.
भावनाओं के आवेश में,
तृष्णाओं के दबाव में मर्यादा में से
....... जान सके.
दिल की गहराई से सिर्फ और सिर्फ
उन के प्यार के लिए न करूंगा बात
जिस से हो उन के हृदय को आघात.
यह प्यार है कोई गुनाह नहीं
जीने के लिए इस से बड़ी कोई दवा नहीं.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
सब्सक्रिप्शन के साथ पाए
500 से ज्यादा ऑडियो स्टोरीज
7 हजार से ज्यादा कहानियां
50 से ज्यादा नई कहानियां हर महीने
निजी समस्याओं के समाधान
समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...
सरिता से और