14 जुलाई 2016 को एक नया इतिहास रचा जा रहा है.14 जुलाई 1980 को गीता दत्त के अति चहेते ज्योतिषी व फिल्म निर्माता के.सी शर्मा ने अपने 21 वर्षीय बेटे अनिल शर्मा को बतौर निर्देषक फिल्म ‘श्रृद्धांजली’ से लाँच किया था. फिर जब 1981 में फिल्म ‘श्रृद्धांजली’ रिलीज हुई, तो इस फिल्म ने सफलता के नए रिकार्ड बनाए थे.

उसके बाद बतौर निर्देषक अनिल शर्मा की दूसरी फिल्म ‘बंधन कच्चे धागों की’ अफसल रही. मगर ‘हुकूमत’ से वह फिर से चर्चा में आए. उसके बाद उन्होने 2001 में ‘गदरःएक प्रेम कथा’ जैसी फिल्म का निर्देषन कर नया इतिहास रचा था.

‘गदरःएक प्रेम कथा’ और ‘लगान’ एक साथ एक ही दिन रिलीज हुई थी. इन दोनों फिल्मों ने ही बॉलीवुड में सिनेमा को नयी राह दी थी. इस फिल्म में अनिल शर्मा ने अपने बेटे उत्कर्ष शर्मा से छोटे बच्चे जीत का किरदार निभवाया था.

ज्ञातब्य है कि उत्कर्ष शर्मा, के सी शर्मा का पोता है. बहरहाल, जीत लोगों के दिलो दिमाग में बस गया था. अब जबकि ‘गदरःएक प्रेम कथा’ के रिलीज के 15 साल पूरे हो चुके है. इसी के साथ जीत का किरदार निभाने वाले अभिनेता उत्कर्ष शर्मा 21 साल के हो गए हैं. तो अब इतिहास दोहराने जा रहा है.

14 जुलाई1980 के बाद अब 14 जुलाई 2016 को के.सी शर्मा अपने पोते और अनिल शर्मा अपने बेटे उत्कर्ष शर्मा को बतौर हीरो लांच कर रहे हैं. इसके लिए अनिल शर्मा बतौर निर्देषक फिल्म ‘जीनियस’ की घोषणा कर रहे हैं, जिसमें उत्कर्ष शर्मा मुख्य भूमिका निभाएंगे. इस फिल्म के लिए हीरोईन की तलाश जारी है. यानी कि 14 जुलाई 2016 को नया इतिहास रचा जाएगा.

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