लगभग तय हो चुका है कि पाकिस्तान के दर्शक अब फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ नहीं देख पाएंगे. लगभग चार दिन पहले पाकिस्तान फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष मुबाशिर हसन ने मीडिया को बताया था कि फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ में 100 से अधिक कट के बाद ‘ए’ प्रमाण पत्र देने का निर्णय लिया गया है.

उस वक्त खबर आयी थी कि फिल्म के वितरकों व निर्माताओं ने तय किया है कि वह पाकिस्तान फिल्म सेंसर बोर्ड के आदेश का पालन करते हुए दुबई में फिल्म को एडिट कर पाकिस्तान के फिल्म सेंसर बोर्ड को दिखाकर फिल्म को पारित करा पाकिस्तान में इस सप्ताह  प्रदर्शित करेंगे.

मगर इस खबर के आने के बाद अनुराग कश्यप पर चौतरफा हमले होने शुरू हो गए. सूत्रों की माने तो लोगों न कहना शुरू कर दिया कि यदि वह पाकिस्तान के फिल्म सेंसर बोर्ड के आदेश का पालन करते हुए फिल्म में सौ कट करने के लिए तैयार होते हैं, तो  फिर उनकी रचनात्मक स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का क्या होगा? इसका बहुत खराब असर पड़ेगा. सूत्रों का दावा है कि चौतरफा बढ़ती आलोचनाओं से बचने के लिए  निर्माताओं को मजबूरन फिल्म के दृश्यों व संवादों पर कैंची चलाने की बजाय इसे पाकिस्तान में प्रदर्शित न करने का निर्णय लेना पड़ा.

जबकि  एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ के निर्देशक अभिषेक चौबे ने कहा है-‘‘हम ‘उड़ता पंजाब’ को पाकिस्तान में नहीं प्रदर्शित करने वाले हैं. इससे हमें आर्थिक नुकसान जरुर होगा. लेकिन सौ कट के साथ फिल्म को प्रदर्शित करने का कोई औचित्य नहीं बनता. हमने यह फिल्म कुछ कहने और एक सार्थक संदेश पहुंचाने के लिए बनायी है.’’

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