साल 2003 में प्रदर्शित फिल्म ‘‘इश्क विश्क’’ से अपने अभिनय करियर की शुरूआत करने वाले अभिनेता शाहिद कपूर के अंदर अहम के साथ साथ आत्मप्रशंसा सुनने की आदत इस कदर समा चुकी है कि यदि किसी ने शाहिद कपूर को उनका आइना दिखा दिया, तो वे उस पर आग बबुला हो जाते हैं. पूरे 14 साल के अभिनय करियर में उनका करियर उंचाईयां छूने की बजाय बिगड़ता ही रहा है.‘‘उड़ता पंजाब’’ के बाद ‘‘रंगून’’ की असफलता ने उनके करियर में कील गाड़ दी है और इसके लिए पूरी तरह से शाहिद कपूर ही जिम्मेदार हैं. यह एक कड़वा सच है, इस सच को अपरोक्ष रूप से शाहिद कपूर भी स्वीकार कर चुके हैं.

वास्तव में फिल्म ‘‘इश्क विश्क’’ में ही बतौर कैमरामैन अमित रॉय ने अपना करियर शुरू किया था.बाद में अमित रॉय ने अमिताभ बच्चन सहित कई स्टार कलाकारों को लेकर 50 विज्ञापन फिल्में निर्देशित की. अमित रॉय ‘सरकार व ‘सरकार राज’ सहित 20 बड़े बजट की फिल्में के कैमरामैन रहे हैं. इन्ही अमित रॉय ने शाहिद कपूर के करियर पर चर्चा करते हुए कहा था कि ‘‘मैं शाहिद कपूर का आलोचक रहा हॅू. मुझे उनकी प्रतिभा का अहसास है. मैंने कई बार उनसे कहा कि वे गलत फिल्में कर रहे हैं. मैं उनकी कुछ फिल्मों से निजी स्तर पर नाराज भी था. हर बार मैने उन्हें चेताया. जब से उन्होंने विशाल भारद्वाज का साथ पकड़ा, तब से वे अच्छा काम कर रहा है मगर..’’

अमित रॉय की बातों में काफी सच्चाई है. साल 2003 में आई ‘इश्क विश्क’ से शाहिद कपूर का करियर शुरू हुआ था. पर उन्हे पहली सफलता इम्तियाज अली निर्देशित फिल्म ‘‘जब वी मेट’’ से मिली थी, जिसमें उनके साथ करीना कपूर थीं. लेकिन फिर ‘किस्मत कनेक्षन’, ‘दिल बोले हड़ियप्पा’, ‘चांस पे डांस’, ‘पाठशाला’,  ‘मिलेंगें मिलेंगे’, ‘मौसम’, ‘तेरी मेरी कहानी’, ‘फटा पोस्टर निकला हीरो’ सहित उनकी कई फिल्मों ने पानी तक नहीं मांगा. यहां तक कि आलिया भट्ट का करियर निरंतर सफलता की ओर अग्रसर रहा, पर शाहिद कपूर के साथ अलिया भट्ट ने ‘शानदार’ की और बाक्स ऑफिस पर ‘शानदार’ को मिली असफलता के चलते आलिया भट्ट के करियर पर भी असफलता का एक दाग तो लग ही गया.

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