आलिया भट्ट और वरुण धवन के अभिनय से सजी सफल रोमांटिक फिल्म ‘‘हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया’’ के लेखक निर्देशक शशांक खेतान को बतौर फिल्म निर्देशक भले ही काफी तकलीफें झेलनी पड़ी हो, मगर अब उनके सितारे बुलंदियों पर हैं. तभी तो वह इन दिनों करण जोहर के खास व चहेते बने हुए हैं. इन दिनों एक तरफ वह एक बार फिर वरुण धवन और आलिया भट्ट को लेकर करण जोहर की कंपनी धर्मा प्रोडक्शन के लिए ‘‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’’ का निर्देशन कर रहे हैं, तो वहीं अब करण जोहर ने मराठी की सफलतम रोमांटिक फिल्म ‘‘सैराट’’ की हिंदी रीमेक को निर्देशित करने की जिम्मेदारी शशांक खेतान को देने का फैसला किया है, जिसे शशांक खेतान मना भी नहीं कर सकते. आखिर शशांक के सितारे तभी से चमके हैं, जब से उन्हे करण जोहर का साथ मिला है.

यह एक कटु सत्य है. कोलकता में जन्में तथा नासिक में पले बढ़े मारवाड़ी परिवार के सदस्य शशांक खेतान पहले क्रिकेट और टेनिस के खेल में रूचि रखते थे. पर 17 वर्ष की उम्र में उनका झुकाव फिल्मों की तरफ हो गया. फिर वह सुभाष घई के फिल्म इंस्टीट्यूट ‘‘व्हिसलिंग वूड’’ से जुड़े. 2006 में शशांक खेतान ने ‘व्हिसलिंग वूड’ के विद्यार्थियों को लेकर फिल्म ‘‘शेरवानी कहां है’’ का निर्माण शुरू किया था, मगर यह फिल्म पूरी नहीं हुई. फिर 2008 में उन्होंने एक लघु फिल्म ‘‘रूड़की बाय पास’’ में अभिनय किया. उसके बाद उन्होंने सुभाष घई के साथ बतौर सहायक निर्देशक फिल्म ‘‘ब्लैक एंड व्हाइट’’ की. पर उनका करियर आगे नहीं बढ़ पा रहा था. यानी कि उनके सितारे उनका साथ नहीं दे रहे थे.

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