फिल्म ‘‘शोरगुल’’ के निर्माताओं ने अपने ट्रेलर के माध्यम से यह संदेश दिया था कि उनकी यह फिल्म मुजफ्फरनगर के दंगों पर आधारित एक राजनीतिक फिल्म है. यदि इस फिल्म के मुख्य कलाकार जिम्मी शेरगिल की माने तो इस तरह का ट्रेलर बनाने का मकसद फिल्म के प्रति दर्शकों की उत्सुकता पैदा करना रहा है. जबकि यह फिल्म पूरी तरह से एक प्रेम कहानी वाली फिल्म है. इस फिल्म का ट्रेलर आने के बाद से ही यह फिल्म विवादों से घिरी हुई हैं. फिल्म के खिलाफ और खासकर जिम्मी शेरगिल के किरदार के खिलाफ एक पीआईएल भी दाखिल हुई थी, पर जिम्मी शेरगिल ने लोगों को समझाया कि यह फिल्म किसी एक किरदार पर आधारित नही है. बल्कि पूरे देश भर में हुए तमाम घटनाक्रमों पर एक काल्पनिक कहानी है. जिसमें मूल कहानी तो प्रेम कहानी है. तब पीआईएल वापस हो गयी थी.

पर अब जैसे ही फिल्म की रिलीज का समय आया है, तो अब जिस तरह के हालात हैं, उन हालातों में यह फिल्म मुज्जफरनगर में रिलीज नही हो पाएगी. मंगलवार को मुजफ्फरनगर में इस फिल्म के पोस्टर फूंक कर फिल्म पर बैन लगाने की बात की गयी. वही लखनऊ में दरगाह खम्मनपीर कमेटी ने फिल्म पर बैन के साथ ही जिम्मी शेरगिल पर फतवा जारी कर दिया है. इस फतवे में कहा गया हैं -‘‘जिम्मी शेरगिल ने अपने संवादों से मुस्लिम समुदाय को आहत किया है, जिससे समाज में अशांति का माहौल बन सकता है. फिल्म में मुस्लिम समुदाय की गलत छवि प्रस्तुत की गयी है. इसलिए फिल्म पर प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाए. विवादों से बचने के लिए जिम्मी शेरगिल देश से बाहर चले गए हैं.’’

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