मिसेज यूनिवर्स रश्मि सचदेवा को देख कर कोई नहीं कह सकता कि उन की 21 साल की बेटी भी है. शादी के बाद फैशन की दुनिया में रश्मि ने वह सबकुछ हासिल किया जो किसी प्रोफैशनल मौडल का सपना होता है.

दिल्ली एनसीआर से शुरू हुआ उन का सफर मिसेज यूनिवर्स तक पहुंचा. आज वे बड़ी मौडल की तरह सैलिब्रिटी हैं. लखनऊ में मिसेज यूपी के जजमैंट पैनल में शामिल होने आईं रश्मि ने कहा, ‘‘फोटो खिंचवाने का शौक शुरू से था. पहली बार मुझे ‘सरिता’ पत्रिका में यह मौका मिला. उस समय सरिता में अंदर छपने वाली शायरी के साथ मेरी फोटो छपी थी. मैं ग्रेजुएशन के पहले साल में थी, तब शादी हुई. शादी के बाद बेटी हुई. मैं ने अपनी पढ़ाई जारी रखी.

‘‘मिसेज दिल्ली एनसीआर प्रतिभागिता में मेरी एक दोस्त हिस्सा ले रही थी. मेरी बेटी ने देखा तो वह बोली कि मैं भी इस में हिस्सा लूं. बेटी की बात का समर्थन पति ने भी किया. वहां से दोबारा मैं ने फैशन की दुनिया में कदम रखा. यह सफर मिसेज इंडिया और मिसेज यूनिवर्स तक पहुंच गया.’’

रश्मि के पति चार्टर्ड अकाउंटैंट हैं. बेटी अंगरेजी औनर्स की पढ़ाई कर रही है. रश्मि ऐक्ंिटग में जाना नहीं चाहतीं. वे कहती हैं, ‘‘मेरे लिए परिवार को समय देना सब से जरूरी है. उस के साथ जो मैं कर सकती हूं वही करना चाहती हूं. ऐक्ंिटग में समय बहुत लगता है. मौडलिंग और फैशन शो बहुत समय नहीं लेते. घरपरिवार के साथ इन को मैनेज किया जा सकता है.’’

रश्मि आज भी किसी मौडल की तरह स्लिम दिखती हैं. अपनी फिटनैस के बारे में वे कहती हैं, ‘‘मैं जिम के बजाय मौर्निंग वाक पर ज्यादा फोकस करती हूं. रोज कम से कम 40 मिनट की वाक करती हूं. क्रैश डाइट पर यकीन नहीं करती. हैल्दी और क्वालिटी फूड लेती हूं. 40 वर्ष के बाद महिलाओं में तमाम तरह की हैल्थ प्रौब्लम होती हैं. इन में थायराइड और विटामिंस की कमी सब से ज्यादा होती हैं. ऐसे में जिम करने से बौडी को नुकसान हो सकता है. ऐसे में वाकिंग सब से बेहतर लगती है. जब प्रैग्नैंसी होती है तो प्रैग्नैंसी के बाद बढ़े हुए वजन को कम करना सब से जरूरी होता है. एक बार वह कम हो जाए तो फिटनैस को हासिल करना

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