भारत-पाक संबंधों के बीच की कड़वाहट को अकसर दोनों देशों में बनी युद्ध फिल्मों ने सतही कथानक से काम लिया है. ‘गदर’, ‘अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों’, ‘दीवार’ से ले कर हालिया बनी फिल्म ‘द गाजी अटैक’ उसी ढर्रे पर चल रही हैं. हालांकि, फिल्मकार  ‘द गाजी अटैक’ की कहानी को बढ़ाचढ़ा कर 1971 के उन जवानों की देशभक्ति की गाथा बता रहे हैं जो पाकिस्तान के पीएनएस  गाजी सबमैरीन को भारत में आईएनएस विक्रांत को डुबोने से रोकते हैं और विशाखापटनम को पाकिस्तान के कब्जे में जाने से बचाते हैं. फिल्म में राना दग्गुबाती, अतुल कुलकर्णी, के के मेनन हैं. अभिनेता ओम पुरी संक्षिप्त भूमिका में हैं.

ऐसी फिल्में सरकार के सर्जिकल स्ट्राइक प्रचार सरीखी होती हैं जो छद्म नफरत की भावना पर सवार हो कर 2 देशों की जनता के बीच की दूरियां बढ़ाती हैं. 

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