बसपा के संस्थापक कांशीराम की जयंती इस दफा देशभर में धूमधाम से मनाई गई और बसपा प्रमुख मायावती सहित उन के पार्टीजनों ने हर जगह से मांग की कि मान्यवर कांशीराम को भारतरत्न सम्मान दिया जाए. किसी ने यह नहीं देखा कि इस रत्न को मांगने वालों की प्रतीक्षा सूची लंबी होती जा रही है. मायावती ने तो अपना राजनीतिक धर्म निभाया पर हैरत तब हुई जब दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने भी कांशीराम को भारतरत्न दिए जाने की पैरवी की जिस में दलित हित, अमूल्य योगदान जैसे चलताऊ शब्दों का इस्तेमाल करते उन्होंने सब को चौंका दिया. वजह, केजरीवाल को पसंद किए जाने की एक वजह उन की छवि धर्म निरपेक्षता की रही है. वे अब सियासी भाषा बोलने लगे हैं? तो लोगों को समझ आ रहा है कि पंजाब में चुनाव सिर पर हैं और वहां के दलित वोटों पर उन की नजर है.

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