देश के किसी भी आदमी को द ग्रेट खली के सामने खड़ा कर दिया जाए, वह पिद्दी ही दिखेगा. शारीरिक सौष्ठव के मामले में योगगुरु कहे जाने वाले रामदेव तो और भी दीनहीन लगेंगे जिन्होंने कभी खली को नकली फाइटर करार दिया था. अब खली ने रामदेव के आरोप के जवाब में साफ कहा है कि कपालभारती से ओलंपिक मैडल मिलता होता तो देश में हर कोई मैडल ले आता. खली की खरीखरी पर बाबा ने चुप रहने में ही भलाई समझी. इस का यह मतलब नहीं कि योग कुश्ती से पराजित हो गया बल्कि इस का संबंध खली के डीलडौल और स्वभाव से है जो सिर्फ घूंसेमुक्कों की भाषा जानते हैं. द ग्रेट खली शो में कनाडा के रेसलर से लड़ाई के दौरान घायल हो कर खली जो ठीक हुए तो फिर बौडी स्टील, माइक नोक्स और अपीलो लियान जैसे रेसलरों को उन्होंने धूल चटा दी. अच्छा तो यह होता कि रामदेव बजाय असलीनकली के पचड़े में पड़ने के, खली को लेदे कर पतंजलि फूड और सेहत उत्पादों का ब्रैंड ऐंबैसडर बनने को राजी कर लेते. संत स्वामी आदमियों की खरीद में वैसे ही बहुत कुशल होते हैं.

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